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मध्य प्रदेश उपचुनाव: सिंधिया की बगावत बचाएगी शिवराज सरकार या फिर कमलनाथ की खुलेगी किस्मत, फैसला आज

मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना मंगलवार सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। सभी जिला...
मध्य प्रदेश उपचुनाव: सिंधिया की बगावत बचाएगी शिवराज सरकार या फिर कमलनाथ की खुलेगी किस्मत, फैसला आज

मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना मंगलवार सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। सभी जिला मुख्यालयों में मतगणना की जाएगी। सबसे ज्यादा मतगणना के 32 राउंड ग्वालियर पूर्व में होंगे।ग्वालियर से काफी लोग सेना में है, ऐसे में पोस्टल बैलेट से डाले गए वोट की संख्या अधिक हैं, इसलिए यहां पर पोस्टल बैलेट की गणना में सबसे ज्यादा समय लगेगा, जबकि डबरा में सबसे कम सिर्फ 24 राउंड होंगे।हालांकि सबसे पहला नतीजा अनूपपुर से आने की संभावना है।

कोरोना को देखते हुए इस बार मतगणना के लिए नई गाइडलाइन बनाई गई है। इसके अंतर्गत मतगणना स्थल पर कम से कम लोगों की उपस्थिति तय की गई है। इस बार काउंटिंग के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई जा रही हैं, ताकि प्रत्याशी, उनके एजेंट बाहर से ही उसे देख सकें। पहली बार ईवीएम की काउंटिंग के साथ ही पोस्टल बैलेट की गिनती की जाएगी। अब तक सबसे पहले पोस्टल बैलेट गिने जाते थे, उसके बाद ईवीएम में पड़े मतों को गिना जाता था। इस बार 285 अतिरिक्त काउंटिंग सेंटर बनाए गए हैं।

भाजपा को बहुमत के लिए चाहिए आठ सीट

मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें है, जिनमें से 28 पर उपचुनाव हो रहा है। भाजपा के पास अभी 107 सीटें हैं और बहुमत के लिए उसे 8 सीटों पर जीत की जरूरत है। वहीं, कांग्रेस के पास 87 सीटें हैं और बहुमत के लिए उसे 28 सीटों पर जीत की जरूरत है। दमोह विधायक के स्तीफे के चलते एक सीट खाली हो गई है, उस पर आगे उपचुनाव होगा। अगर कांग्रेस मिली-जुली सरकार के बनाने की सोचती है तो उसे 21 सीटों पर जीत की जरूरत होगी। बहुमत के आंकड़े से दूर होने पर सात बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों की भूमिका अहम हो जाएगी।

 विधानसभा की दलीय स्थिति

भाजपा 107

कांग्रेस 87

निर्दलीय 4

बसपा 2

सपा 1

खाली 29

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