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मोदी न सही, रूडी और नायडू देखेंगे नीतीश का शपथग्रहण

बिहार के मुख्यमंत्री पद पर लगातार तीसरी बार नीतीश कुमार की ताजपोशी के लिए सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं जहां देश के महत्वपूर्ण नेताओं और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में जद(यू) नेता पांचवीं बार प्रदेश की कमान संभालेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इसमें शामिल होने का न्योता मिला था लेकिन किसी कारणवश उनकी जगह भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी और केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू इसमें हिस्सा लेंगे।
मोदी न सही, रूडी और नायडू देखेंगे नीतीश का शपथग्रहण

कल दोपहर दो बजे गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह के लिए सभी प्रबंध कर लिए गए हैं। पटना के डिवीजनल कमिश्नर आनंद किशोर ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में वीआईपी के आने की संभावना के मद्देनजर दो हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को ऐतिहासिक गांधी मैदान की सुरक्षा में तैनात किया गया है। शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने वाले वीआईपी लोगों के बैठने के लिए एसपीजी कवर के साथ दो शामियाने लगाए गए हैं। मुख्य मंच पर नीतीश कुमार, उनके नए मंत्री तथा वीआईपी लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।

समीप के एक मंच पर सभी नवनिर्वाचित विधायकों को बैठाया जाएगा। किशोर ने बताया कि समारोह में भाग लेने वाली महिलाओं के लिए अलग से एक दीर्घा बनाई गई है। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विकास वैभव ने हवाई अड्डे से गांधी मैदान तक वीआईपी हस्तियों को लाने की व्यवस्था के सुरक्षा अभ्यास का निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समारोह में शामिल होने के नीतीश कुमार के निमंत्राण को स्वीकार कर लिया है लेकिन वे अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू को समारोह में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने मेहमानों की एक सूची जारी की है जिसमें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा , राकांपा प्रमुख शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम शामिल हैं। मेहमानों की सरकारी सूची में नौ मुख्यमंत्रियों के नाम शामिल हैं जिनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शामिल हैं।

कांग्रेस शासित छह राज्यों के मुख्यमंत्री भी समारोह में शामिल होंगे जिनमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई, सिक्किम के मुख्यमंत्री पी के चामलिंग, मणिपुर के मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह और अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी हैं।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद , माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा और द्रमुक के टीएमके स्टालिन ने भी समारोह में शामिल होने की पुष्टि की है। भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने निमंत्रण को स्वीकार किया है और महाराष्ट्र के दो मंत्रियों रामदास कदम तथा सुभाष देसाई को समारोह में शामिल होने के लिए भेजने का फैसला किया है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अलावा शीला दीक्षित, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा , अजित जोगी, बाबू लाल मरांडी , झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन तथा शंकर सिंह वाघेला भी समारोह की शोभा बढ़ाएंगे। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री और राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल भी समारोह में शामिल होंगे। इंडियन नेशनल लोकदल के अभय चौटाला , बीबीएम नेता प्रकाश आंबेडकर, प्रख्यात अधिवक्ता राम जेठमलानी , राज बब्बर और एच के दुआ के नाम भी मेहमानों की अंतिम सूची में शामिल हैं। देशभर के इन मेहमानों के अलावा राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके जनता दल यू समकक्ष शरद यादव भी समारोह में भाग लेंगे।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में जलपान का आयोजन किया जाएगा। कल के समारोह की खुद सारी व्यवस्था देख रहे नीतीश कुमार ने आज अपने आवास पर जलपान की तैयारियों का जायजा लिया। कार्यालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

जनता दल यू महासचिव के सी त्यागी ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में कोई राजनीति देखने की जरूरत नहीं है। समारोह में मेहमानों को आमंत्रित करना स्वस्थ राजनीतिक शिष्टाचार का हिस्सा है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ट नारायण सिंह और पार्टी प्रवक्ता अजय आलोक ने भी यही विचार व्यक्त किए।

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