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गुजरात में नौ और 14 दिसंबर को पड़ेंगे वोट, गिनती 18 को

चुनाव आयोग ने आज गुजरात में चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी। राज्य में दो चरणों नौ और 14 दिसंबर को मतदान...
गुजरात में नौ और 14 दिसंबर को पड़ेंगे वोट, गिनती 18 को

चुनाव आयोग ने आज गुजरात में चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी। राज्य में दो चरणों नौ और 14 दिसंबर को मतदान होंगे और मतगणना 18 दिसंबर को होगी। तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। चुनाव के तारीखों की घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने की।

ज्योति ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया 14 नवंबर से शुरू हो जाएगी। इस दिन पहले चरण के लिए अधिसूचना जारी होगी। प्रत्याशी इसी दिन से नामांकन प्रारंभ कर देंगे। पहले चरण में राज्य के 33 जिलों में 19 जिलों की 89 सीटों पर चुनाव होंगे। बाकी बचे 93 सीटों के लिए अधिसूचना 20 नवंबर को जारी होगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि राज्य में 50,126 मदतान केंद्र बनाए जाएंगे। एवीएम के साथ वीवीपैट मशीन जुड़े रहेंगे। कोई भी उम्मीदवार 28 लाख रुपये से ज्याद खर्च नहीं कर पाएगा। पोलिंग स्टेशनों पर दिव्यांगों को वरीयता दी जाएगी। गुजरात में 182 सीटों पर कुल 4.30 करोड़ वोटर हैं। चुनावों के लिए 50,128 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि गुजराती भाषा में भी वोटिंग गाइड दी जाएगी।

ज्योति ने कहा कि हर पोलिंग बूथ पर एक महिला चुनावकर्मी मौजूद रहेगी। ऐसा गुजरात के चुनावों में पहली बार होगा। सभी उम्मीदवारों को हलफनामा भरना होगा, अगर हलफनामे में कोई भी कॉलम खाली रहता है, तो प्रत्याशी को नोटिस भेजा जाएगा। हर सीट की पोलिंग बूथ की वीवीपैट पर्चियों की गिनती होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी बड़ी चुनावी रैलियों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। इसके अलावा बॉर्डर चेकपोस्ट की भी सीसीटीवी के द्वारा निगरानी रखी जाएगी।

उन्होंने बताया कि हर उम्मीदवार 28 लाख रुपये ही खर्च कर सकता है। इनके खर्च पर निगरानी रखी जाएगी। इसके अलावा बाहर से शराब लाने पर भी नजर रखी जाएगी। हर उम्मीदवार को अपना अलग नया खाता खोलना होगा, उससे ही वह चुनावी खर्च कर सकेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि वोटरों के लिए हेल्पलाइन सेंटर खोले जाएंगे।

मालूम हो कि चुनाव आयोग हिमाचल प्रदेश में चुनावों की घोषणा पहले ही कर चुका है। हिमाचल प्रदेश के साथ ही गुजरात के चुनाव की घोषणा न किए जाने के कारण आयोग को कई पार्टियों की आलोचना का भी शिकार होना पड़ा था। यह आरोप लगा था कि ऐसा सत्ताधारी भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है।

गुजरात का चुनाव सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हैं। भाजपा के पास जहां सरकार बचाने की चुनौती है वहीं कांग्रेस अपना पुराना गौरव हासिल करने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों ने नेताओं ने इस महीने राज्य के कई दौरे किए और एक-दूसरे पर आरोपों की बौछार कर दी। पाटीदार आंदोलन के नेताओं द्वारा भी राज्य की राजनीति को गर्माने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। हाल ही में पाटीदार नेता नरेंद्र पटेल ने भाजपा में शामिल होने के लिए एक करोड़ रुपये देने की पेशकश का आरोप लगा कर सनसनी फैला दी है।

भाजपा राज्य में लगातार पांचवीं जीत दर्ज करना चाहती है। उसके लिए जीत प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। क्योंकि गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का गृह राज्य है। शाह ने 2012 के 115 सीटों के मुकाबले इस बार 150 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। 

दूसरी तरफ, कांग्रेस की तरफ से उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी एड़ी-चोटी का जोर एक किए हुए हैं। चुनाव में इस बार पार्टी की निगाहें पटेल, ओबीसी और दलित वोटरों पर टिकी हुई है। एक बड़े ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर ने सोमवार को राहुल गांधी की रैली में कांग्रेस का दामन थाम लिया है।

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