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हिंसक घटनाओं के बीच पश्चिम बंगाल में 79% और असम में 82% मतदान

पश्चिम बंगाल में पहले चरण के दूसरे दौर और असम चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण के लिए आज बंपर वोटिंग के साथ मतदान संपन्न हुआ। असम के 61 विधानसभा क्षेत्रों में आज हुए मतदान में 82 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। जबकि पश्चिम बंगाल में 31 सीटों के लिए 79 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना फैसला ईवीएम मशीनों में बंद कर दिया।
हिंसक घटनाओं के बीच पश्चिम बंगाल में 79% और असम में 82% मतदान

दोनों ही राज्यों में बूथों पर सुबह से ही मतदाताओं की लंबी कतार देखने को मिली। चुनाव में मतदान को लेकर मतदाताओं का उत्साह साफ दिखाई दे रहा था। दिन चढ़ने के साथ ही मतदाताओं का जोश और बढ़ता गया। शाम तक दोनों राज्यों में मतदाता अपना मत डालते नजर आए। हालांकि कई सीटों और बूथों पर शाम तीन बजे ही मतदान समाप्त हो गया लेकिन इसके बावजूद तबतक मतदाताओं ने अपने वोट डाल दिए थे। शाम में चुनाव आयोग ने आंकड़े जारी करते हुए जानकारी दी कि दोनों राज्यों में सभी बूथों पर मतदान समाप्त हो चुका है। जिसके बाद प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प.बंगाल में 79.51 प्रतिशत और असम में 82.21 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।

 

आज के चरण के मतदान के दौरान दोनों ही राज्यों मे कई जगहों पर हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं। कामरूप जिले के चायगांव में एक मतदान केंद्र पर सीआरपीएफ द्वारा हवाई फायरिंग की एक घटना सामेन आई। एक गर्भवती महिला के साथ बल के एक जवान द्वारा कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने के बाद गोलीबारी की यह घटना हुई। बाद में मतदान केंद्र पर तैनात सीआरपीएफ की पूरी टीम को बदल दिया गया। वहीं बारपेटा जिले में केंद्रीय बल और मतदाताओं के बीच हुए संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत हो गई और सीआरपीएफ के दो जवान सहित तीन अन्य लोग घायल हो गए। यह संघर्ष सोरभोग विधानसभा के सफरकुमार मतदान केंद्र पर वोट डालने के लिए कतार बनाने के दौरान हुआ। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि पूरे मध्य और नीचले असम के कुछ मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी की भी खबर मिली जिन्हें तत्काल बदल दिया गया। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए मतदान कार्यालय ने सीसीटीवी कैमरा और वेब कास्टिंग सुविधाओं का भी प्रबंध किया था।

 

वहीं पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में मतदाता सुबह 7 बजे से मतदान केंद्रों के बाहर पंक्तिबद्ध खड़े देखे गए। वर्द्धमान की जमुरिया विधानसभा सीट के मतदान केंद्रों से हिंसा की छिटपुट घटनाओं की खबरें आई हैं। इसी विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने माकपा के एक चुनाव एजेंट को कथित रूप से पीटा और उसे मतदान केंद्र में जाने से रोक दिया। इस दौरान माकपा का चुनाव एजेंट घायल हो गया। पुलिस को जमुरिया में ही एक मतदान केंद्र के पास दो बैग मिले जिनमें बम थे। पश्चिम मिदनापुर जिले के नारायणगढ़ में तृणमूल कांग्रेस और माकपा के बीच संघर्ष हुआ जहां माकपा के राज्य सचिव और विधानसभा में विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्रा का सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। वह यहां से किस्मत आजमा रहे हैं। वर्द्धमान जिले में पांडवेश्वर विधानसभा सीट के तहत एक मतदान केंद्र पर चुनाव अधिकारी परिमल बउरी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई जिसके कारण वहां मतदान कुछ समय के लिए बाधित हो गया।

 

दोनों ही राज्यों के कई बड़े नेताओं की किस्मत का फैसला मतदाताओं ने ईवीएम में बंद कर दिया। गोगोई सरकार के कैबिनेट मंत्री रकीबुल हुसैन, चंदन सरकार और नजरूल इस्लाम के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री और अगप नेता प्रफुल्ल कुमार महंत और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सिद्धार्थ भट्टाचार्य के भाग्य का फैसला आज के मतदान से निर्धारित होगा। पूर्व कांग्रेस मंत्री और पिछले साल मुख्यमंत्री तरूण गोगोई से अलगाव के बाद भाजपा में शामिल होने वाले डॉक्टर हेमंत बिस्वा के भाग्य का फैसला भी आज के मतदान से तय होगा। एआईयूडीएफ अध्यक्ष बदरूद्दीन अजमल ने भी आज मतदान किया। उनका दावा है कि वह आगामी सरकार के गठन में किंग मेकर की भूमिका निभाएंगे। राज्य में 65 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चार अप्रैल को पहले चरण का मतदान हुआ था जिसमें 82.20 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। वहीं बंगाल में आज जिन प्रमुख लोगों के भविष्य का फैसला ईवीएम में कैद हो गया उनमें सूर्यकांत मिश्रा के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मानस भुइयां, प्रदेश के मंत्री मलय घटक और अभिनेत्री सोहम चक्रवर्ती आदि शामिल हैं।

 

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