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असम मुख्यमंत्री के बयान से बवाल, शिवसेना यूबीटी ने 'हमास' से की भाजपा की तुलना

हमास के साथ संघर्ष के बीच भारत के रुख पर सवाल खड़े करने के बाद शरद पवार का सत्ता पक्ष के लोगों ने विरोध...
असम मुख्यमंत्री के बयान से बवाल, शिवसेना यूबीटी ने 'हमास' से की भाजपा की तुलना

हमास के साथ संघर्ष के बीच भारत के रुख पर सवाल खड़े करने के बाद शरद पवार का सत्ता पक्ष के लोगों ने विरोध किया है। मगर, इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भाजपा की तुलना हमास से कर दी। एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने भी असम सीएम के बयान को चौकाने वाला बताया।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि एनसीपी प्रमुख अपनी बेटी सुप्रिया सुले को हमास के लिए लड़ने के लिए गाजा भेजेंगे। इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की स्थिति के संबंध में राकांपा नेता शरद पवार की कथित टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर सरमा ने जवाब दिया, "मुझे लगता है कि शरद पवार सुप्रिया (सुले) को हमास के लिए लड़ने के लिए गाजा भेजेंगे।"

शिव सेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने कहा, "वह (असम के सीएम) जिस पार्टी से हैं वह हमास से कम नहीं है। उन्हें पहले इतिहास पढ़ना और समझना चाहिए। वह बीजेपी का हिस्सा हैं और उन्हें पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के फ़िलिस्तीन-इज़राइल पर विचारों के बारे में जानना चाहिए।" 

सुप्रिया सुले ने कहा, "मैं आश्चर्यचकित हूं क्योंकि हिमंत बिस्वा सरमा का डीएनए मेरे जैसा ही है, वह मूल रूप से कांग्रेस से हैं। उनका और मेरा डीएनए एक ही है। आप जानते हैं कि भाजपा महिलाओं के प्रति कैसे अपमानजनक है। लेकिन मुझे हिमंत बिस्वा सरमा से उम्मीदें थीं। मुझे आश्चर्य है कि महिलाओं के प्रति यह बदलाव और दृष्टिकोण कैसे आया है, शायद बीजेपी में जाना उन्हें थोड़ा नागवार गुजर रहा है। बीजेपी आईटी सेल को शरद पवार ने जो कहा है उसे ध्यान से समझने और सुनने की जरूरत है। उनका पूरा बयान सुनें।"

एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता जितेंद्र अवहाद कहते हैं, "मुझे नहीं लगता कि हिमंत बिस्वा सरमा जैसे लोगों को गंभीरता से लेने की जरूरत है - जिनके मन में नफरत है और जो नहीं जानते कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति क्या है। क्योंकि फिलिस्तीन है मुसलमानों से जुड़ा हुआ है और मुस्लिम नफरत को भारत लाया जाना चाहिए, यही उनके दिमाग में एकमात्र योजना है। इस युद्ध का उपयोग भारत में ध्रुवीकरण के रूप में किया जा रहा है..."

बता दें कि इससे पहले रविवार, 15 अक्टूबर, 2023 को मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए, एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों की भूमिका "फिलिस्तीन की मदद करना" थी।

पवार ने मुंबई में बोलते हुए कहा था, "जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका फिलिस्तीन की मदद करने की थी। पहली बार इस देश के प्रधानमंत्री ने इजराइल की भूमिका निभाई। एनसीपी का रुख स्पष्ट होना चाहिए।"

गौरतलब है कि सत्ता पक्ष के नेताओं और मंत्रियों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार की टिप्पणी की निंदा की है। 

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