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आर्टिकल 370: ममता बनर्जी बोलीं- न हम बिल का समर्थन कर सकते हैं, न वोट कर सकते हैं

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आर्टिकल 370 पर अपनी पार्टी के रुख पर कहा कि वह न तो इस बिल को...
आर्टिकल 370: ममता बनर्जी बोलीं- न हम बिल का समर्थन कर सकते हैं, न वोट कर सकते हैं

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आर्टिकल 370 पर अपनी पार्टी के रुख पर कहा कि वह न तो इस बिल को समर्थन दे सकती हैं और न ही इस पर वोट कर सकती हैं। मोदी सरकार के कई फैसलों का विरोध करने वाली ममता बनर्जी की आर्टिकल 370 को लेकर चुप्पी पर लगातार सवाल उठ रहे थे। इससे पहले राज्यसभा में टीएमसी सांसदों ने बिल पर वोटिंग के दौरान वॉकआउट कर दिया था।

ममता बनर्जी ने कहा, 'हम बिल को समर्थन नहीं दे सकते। हम इस बिल के लिए वोट नहीं कर सकते। उन्होंने कश्मीरियों और सभी राजनीतिक दलों को इसके बारे में बताना चाहिए था। अगर आप किसी स्थायी हल पर पहुंचना चाहते हैं तो आपको इसके सभी पक्षकारों से बात करनी होगी।'

'आतंकी नहीं हैं उमर और महबूबा'

ममता ने आगे कहा, 'मुझे फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं सरकार से अपील करना चाहती हूं कि उन्हें बहिष्कृत महसूस नहीं कराना चाहिए। वे आतंकवादी नहीं हैं। उन्हें लोकतांत्रिक संस्थाओं के हित में तुरंत रिहा कर देना चाहिए।'

टीएमसी ने राज्यसभा से वॉकआउट किया था

इससे एक दिन पहले टीएमसी ने राज्यसभा में आर्टिकल 370 का विरोध किया था। पार्टी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा था कि अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर केंद्र सरकार ने संवैधानिक नियमों को दरकिनार किया है। डेरेक ने कहा था कि कश्मीर की शांति और खुशहाली को नष्ट करने के लिए बीजेपी ने सोची-समझी रणनीति के तहत यह निर्णय लिया है। पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी।

हालांकि इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा न लेकर सदन से वॉकआउट किया था। इससे सदन में बीजेपी को बिल पर बहुमत साबित करने में आसानी हो गई थी।

बसपा प्रमुख मायावती ने किया सरकार का समर्थन

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य के बंटवारे पर बसपा प्रमुख मायावती ने राजनीतिक विरोध के बावजूद मोदी सरकार का समर्थन किया। मंगलवार को मायावती ने ट्वीट कर कहा, संविधान की सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक न्याय की मंशा को पूरे देश में लागू करने के लिए जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35 ए को हटाने की मांग लंबे समय चल रही थी। उम्मीद है केंद्र सरकार के फैसले का सही लाभ वहां के लोगों को मिलेगा। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे केंद्र सरकार का एकतरफा निर्णय करार दिया।

'लेह-लद्दाख के बौद्ध समाज के लोग खुश'

मायावती ने कहा, जम्मू-कश्मीर के लेह-लद्दाख को अलग से केन्द्र शासित क्षेत्र घोषित किए जाने से खासकर वहां के बौद्ध समुदाय के लोगों की बहुत पुरानी मांग पूरी हुई। जिसका बसपा स्वागत करती है। इससे पूरे देश में विशेषकर बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के बौद्ध अनुयायी खुश हैं।

बसपा प्रमुख ने कहा कि संविधान की सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक न्याय की मंशा को देश भर में लागू करने हेतु जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा सम्बंधी अनुच्छेद 370 व 35ए को हटाने की मांग काफी लंबे समय से थी। अब बसपा उम्मीद करती है कि इस सम्बंध में केन्द्र सरकार के फैसले का सही लाभ वहां के लोगों को आगे मिलेगा।

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