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मायावती ने कहा- केंद्र की एनडीए सरकार कभी भी हो सकती है अस्थिर, कार्यकर्ताओं से की ये अपील

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने रविवार को कहा कि केंद्र की बीजेपी नीत एनडीए सरकार कभी भी...
मायावती ने कहा- केंद्र की एनडीए सरकार कभी भी हो सकती है अस्थिर, कार्यकर्ताओं से की ये अपील

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने रविवार को कहा कि केंद्र की बीजेपी नीत एनडीए सरकार कभी भी अस्थिर हो सकती है और उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से पार्टी के मिशन से जुड़े लोगों को आगे लाकर देश भर में पार्टी का जनाधार मजबूत करने को कहा।

हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में बीएसपी के खराब प्रदर्शन के बाद मायावती ने रविवार को यहां पार्टी की राष्ट्रीय स्तर की बैठक बुलाई थी। इसमें पार्टी की केंद्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्य, राज्य इकाई के अध्यक्ष और वरिष्ठ सदस्य शामिल हुए।

बैठक को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, "केंद्र की बीजेपी और उसकी एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार पूरी तरह से स्थिर नहीं है। यह कभी भी अस्थिर हो सकती है।" ऐसी स्थिति में उन्होंने कहा कि बीएसपी कार्यकर्ताओं को पार्टी संगठन में अपने मिशन से जुड़े लोगों को आगे लाकर युद्ध स्तर पर पार्टी का जनाधार मजबूत करना होगा।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में बीएसपी को झटका लगा है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के दलों ने संविधान की रक्षा और अन्य मुद्दों पर अपने प्रचार से मतदाताओं को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि समाज के गरीब और कमजोर वर्ग के लोग चुनाव के दौरान किसी न किसी मुद्दे पर गुमराह हो जाते हैं और अपने "एकमात्र शुभचिंतक" बीएसपी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।

उन्होंने कहा कि इसके बजाय वे उन पार्टियों की मदद करते हैं जो उनका शोषण करती हैं और सत्ता हासिल करती हैं। मायावती ने कहा, "यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। उन्हें बार-बार गुमराह होने की अपनी आदत छोड़नी होगी।" कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को संविधान सभा में प्रवेश करने से रोकने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए। वह अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान की रक्षा की बात कैसे कर सकती है?"

बसपा प्रमुख ने कहा कि जब कांग्रेस ने आरक्षण और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर अंबेडकर की बात नहीं मानी तो उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और बहुजन समाज को एकजुट होकर अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने की सलाह दी थी ताकि केंद्र और राज्यों में राजनीतिक सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथों में ले सके, ताकि वह संविधान द्वारा दिए गए कानूनी अधिकारों का पूरा लाभ उठा सके। उन्होंने बसपा पदाधिकारियों को निकट भविष्य में कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी को हर स्तर पर मजबूत करने के निर्देश दिए। देश के राजनीतिक हालात पर चर्चा करते हुए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से सतर्क रहने को भी कहा।

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