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शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से, नौ नये विधेयक पेश किये जाएंगे

संसद के 16 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में जीएसटी से जुड़े तीन विधेयकों और किराये की कोख के नियमन संबंधी विधेयक सहित नौ नये विधेयक पेश किये जाएंगे। संसद में पेश होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े तीन विधेयकों में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, समन्वित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर (राजस्व के नुकसान का मुआवजा) विधेयक शामिल हैं।
शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से, नौ नये विधेयक पेश किये जाएंगे

इसके अलावा किराये की कोख (नियमन) विधेयक भी पेश किया जायेगा जिसमें किराये की कोख संबंधी राष्ट्रीय बोर्ड, किराये की कोख संबंधी राज्य स्तरीय बोर्ड और किराये की कोख की प्रक्रिया एवं चलन के नियमन के लिए उपयुक्त प्राधिकार की नियुक्ति और इससे जुड़े मामले शामिल हैं। शीतकालीन सत्र के  दौरान भारतीय प्रबंध संस्थान विधेयक 2016 भी पेश किया जायेगा जिसमें भारतीय प्रबंध संस्थाओं को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने और आईआईएम से पास होने वाले छात्रों को डिग्री प्रदान करने संबंधी मार्ग प्रशस्त होगा।

इसके अलावा तलाक संशोधन विधेयक 2016 पेश किया जायेगा। सत्र के दौरान सांख्यिकी एकत्रीकरण संशोधन विधेयक 2016 भी पेश किया जायेगा जिसके तहत केंद्रीय सूची में आने वाले सांख्यिकी मामलों के संबंध में कानून का दायरा जम्मू कश्मीर तक बढ़ाने का प्रावधान है। शीतकालीन सत्र के दौरान संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश संशोधन विधेयक 2016 पेश किया जायेगा जिसमें असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु और त्रिपुरा में अनुसूचित जनजाति की सूची को संशोधित किया जायेगा। 

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किये जाने वाले नये विधेयकों में नौसेना अधिकरण (नौवहन अधिकार क्षेत्र एवं दावों के निपटारा) विधेयक 2016 भी शामिल है। वित्तीय कार्यो में सत्र के दौरान 2016-17 के लिए दूसरी अनुदान की अनुपूरक मांग (सामान्य) और 2013-14 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांग संबंधी प्रस्ताव पेश किया जायेगा और इस पर चर्चा एवं मतविभाजन होगा।

इसके अलावा 2016-17 के लिए दूसरी अनुदान की अनुपूरक मांग (रेलवे) और 2013-14 के लिए रेलवे के अनुदान की अतिरिक्त मांग का प्रस्ताव पेश होगा और इस पर चर्चा एवं मतविभाजन होगा। सत्र के दौरान सदन में पेश कुछ अन्य विधेयकों को भी रखा जायेगा जिन पर संयुक्त समिति और स्थायी समिति में विचार किया जा सकता है। सत्र के दौरान दो विधेयकों पर लोकसभा में विचार किया जा सकता है जो राज्यसभा से पारित हो चुके हैं और निचले सदन में लंबित हैं। इन विधेयकों में मानसिक स्वास्थ्य देखरेख 2016 और मातृत्व लाभ संशोधन विधेयक 2016 शामिल है।

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