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यौन उत्पीड़न पर कानून में कमियां, राजनाथ सिंह की अगुआई में मंत्री समूह का होगा गठन

देश में #MeToo अभियान के बाद कई नामचीन शख्सियतों पर महिलाओं के साथ यौन शोषण और दुर्व्यवहार के आरोप लग चुके...
यौन उत्पीड़न पर कानून में कमियां, राजनाथ सिंह की अगुआई में मंत्री समूह का होगा गठन

देश में #MeToo अभियान के बाद कई नामचीन शख्सियतों पर महिलाओं के साथ यौन शोषण और दुर्व्यवहार के आरोप लग चुके हैं। विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर को यौन उत्पीड़न के आरोपों की वजह से मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। ऐसे में केंद्र सरकार यौन उत्पीड़न पर कानून में कमियों पर गौर करने के लिए एक मंत्री समूह (जीओएम) गठित करने पर विचार कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मंत्री समूह को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।

राजनाथ सिंह होंगे समिति के अध्यक्ष

पीटीआई के मुताबिक, पहले ऐसे संकेत थे कि समूह की अध्यक्षता एक वरिष्ठ महिला कैबिनेट मंत्री कर सकती हैं लेकिन अब गृह मंत्री राजनाथ सिंह इसकी अध्यक्षता कर सकते हैं। यौन उत्पीड़न की शिकायतों के निपटारे के लिए कानूनी एवं संस्थागत ढांचे पर विचार करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी द्वारा एक कानूनी समिति गठित करने का और उन्हें मजबूत करने का प्रस्ताव दिया था। साथ ही मेनका गांधी ने हर राजनीतिक पार्टी को पत्र लिखकर अपील की है कि वे महिलाओं की सुरक्षा के लिए आंतरिक शिकायत समिति बनाएं।

कई हस्तियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत

बॉलीवुड अभिनेता नाना पाटेकर पर एक फिल्म की शूटिंग के दौरान 2008 में अपने साथ दुर्व्यवहार करने का अदाकारा तनुश्री दत्ता द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद देश में शुरू हुआ ‘मी टू’ अभियान तेजी से आगे बढ़ा है। कई महिलाओं ने सामने आ कर विभिन्न शख्सियतों के खिलाफ अपनी शिकायत व्यक्त की है।

यौन दुर्व्यवहार के आरोपियों में पूर्व विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर, फिल्म निर्देशक सुभाष घई, विकास बहल, साजिद खान, रजत कपूर और अभिनेता आलोकनाथ का नाम शामिल है। चौतरफा दबाव के बाद एमजे अकबर ने अपने खिलाफ लगे इन आरोपों को लेकर बुधवार को केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

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