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मणिपुर की घटना पर बृजभूषण शरण सिंह की पहली प्रतिक्रिया, विपक्षी दलों के गठबंधन को लेकर किया ये दावा

उत्तर प्रदेश की कैसरगंज विधानसभा सीट से भाजपा विधायक और निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने शनिवार को...
मणिपुर की घटना पर बृजभूषण शरण सिंह की पहली प्रतिक्रिया, विपक्षी दलों के गठबंधन को लेकर किया ये दावा

उत्तर प्रदेश की कैसरगंज विधानसभा सीट से भाजपा विधायक और निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने शनिवार को कहा कि कमजोरों के साथ खड़े रहना उनके व्यवहार का हिस्सा है, ठीक उसी तरह जैसे भारत की संस्कृति रही है। सिंह को हाल में दिल्ली हाईकोर्ट से बेल मिली थी।

सिंह ने एक पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "मैंने हमेशा कमजोरों का पक्ष लिया है। शायद यही मेरा स्वभाव है। और ये केवल मेरा स्वभाव नहीं है, यही भारत का स्वभाव भी है।" हालांकि, उनकी टिप्पणी का समारोह से कोई संदर्भ नहीं था।

कैसरगंज के सांसद ने कहा, "चीजें अब स्पष्ट हो रही हैं और सभी को देखने को मिल रही हैं," उन्होंने आगे कहा, वह इससे अधिक स्पष्ट नहीं हो सकते। भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख, जिनपर कई महिला पहलवानों ने शोषण का आरोप लगाया, ने कहा, "मैंने शुरू में ही कहा था कि जो कुछ भी मेरे ख़िलाफ़ हो रहा है वह मेरी नीति के ख़िलाफ़ संघर्ष से संबंधित है। उस वक्त मेरी बातों को सही नहीं माना गया।"

युवाओं को संबोधित करते हुए, सांसद ने अनवरत और ईमानदारी से काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "आपको अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए। सात महीनों से, दुनिया मेरे खिलाफ़ टिप्पणी कर रही है लेकिन मैं पीछे नहीं देखता और अपने काम को नहीं रोकता।"

संवाददाताओं से बात करते हुए, उन्होंने मणिपुर की वायरल शर्मनाक घटना, जिसमें दो महिलाओं को नग्न परेड कराई गई, को "निंदनीय कृत्य" करार दिया। उन्होंने कहा, "वहां स्थिति प्रतिकूल थी। 3-4 दिनों से (केंद्रीय) गृह मंत्री खुद मणिपुर में थे, लेकिन एक चूक हो गई।"

विपक्षी गठबंधन INDIA पर, सिंह ने कहा कि यह समझौता अलग-अलग तत्वों के बीच है, जिनमें से प्रत्येक का अपना एजेंडा है, और भविष्यवाणी की कि यह जल्द ही टूट जाएगा। उन्होंने कहा, "इससे पहले भी कई गठबंधन बने, लेकिन असफल रहे। एक समय था जब कांग्रेस के खिलाफ़ गठबंधन बनते थे, अब भाजपा के विरुद्ध बन रहे हैं।"

सांसद सिंह ने कहा, "एक राष्ट्रीय पार्टी क्षेत्रीय पार्टियों की गोद में बैठी है। विपक्ष का गठबंधन। उनकी विचारधारा एक-दूसरे से मेल नहीं खाती। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का क्या होगा? यही स्थिति दिल्ली, बिहार और अन्य राज्यों में होगी। यह गठबंधन अल्पजीवी साबित होगा।"

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