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रघुराम राजन से आखिर क्यों नाराज हैं सुब्रह्मण्यम स्वामी

सीधे-सीधे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर पर हमला बोलने के पीछे के कारणों पर कयास जारी, क्या इसकी वजह राजन के कठोर कदम हैं, जिससे नाराज हैं बड़े कॉरपोरेट
रघुराम राजन से आखिर क्यों नाराज हैं सुब्रह्मण्यम स्वामी

भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन पर इतना गुस्सा क्यों आया? इसके पीछे क्या कोई ठोस आर्थिक हितों का टकराव काम कर रहा है या फिर कोई ऐसे उम्मीदावर के लिए बैटिंग से मुद्दा जुड़ा हुआ है। इन तमाम सवालों पर राजनीतिक और आर्थिक हलकों में कयास जारी है। भाजपा के एक खेमे में भी रिजर्व बैंक के गवर्नर पर सीधे-सीधे वार को लेकर बेचैनी है। ऐसा संभवतः पहली बार हुआ है कि सरकारी पक्ष के किसी सांसद ने ऐसे अहम पद पर बैठे व्यक्ति को हटाकर देश के बाहर भेजने की बात कही।

विश्लेषण की सूई पिछले कुछ समय में रघुराम द्वारा लिए गए सख्त कदमों की ओर जा रही है। जिसमें एक अहम फैसला बड़े कॉरपोरेट घरानों द्वारा लि गए करोड़ों रुपये के ऋण के बारे में है। रघुराम राजन ने पिछले दिनों बैंकों से अपनी बैलेंस शीट को साफ या दुरुस्त करने को कहा ताकि यह उजागर हो सके कि किस कॉरपोरेट घराने पर कितना ऋण है। इसकी वजह से कॉरपोरेट घरानों को अपने कर्ज चुकाने के लिए अपने एस्सेट्स बेचने की नौबत आ पड़ी या आने वाले दिनों में पड़ सकती है।

दरअसल, बड़े कॉरपोरेट घराने लंबे-चौड़े वृद्धि के दावे भरते हैं, जबकि उनके ऊपर सार्वजनिक क्षेत्रों के कर्ज का पहाड़ होता है। राजन का मानना है कि जब तक यह विसंगति दूर नहीं होगू, भारतीय वित्तीय प्रणाली में स्थायित्व नहीं लाया जा सकता। अगर आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो देश के 10 बड़े उद्योग घरानों के बैंकों पर 5,00,000 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें अडानी, अंबानी (दोनों समूह), इसार, जेपीजी, जीएमआर आदि समूह के ऊपर बहुत अधिक देनदानी है। इसके साथ ही सरकार और खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत करीबी माने जाने वाले अडानी समूह क एसबीआई द्वारा 6,000 करोड़ रुपये के ऋण को मुहैया कराने पर भी गंभीर सवाल उठे थे।

इस पृष्ठभूमि में रघुराम राजन के बैंकों को अपनी बैलेंस शीट को क्लीन करने के आदेश से कॉरपोरेट घरानों को अपनी परिसंपत्तियां बेचने पर मजबूर  होना पड़ रहा है। इसकी वजह से उनकी नाराजगी भी बढ़ रही है। सवाल यह उठता है कि क्या उनकी इसी नाराजगी को आवाज दे रही है। हालांकि कांग्रेस का दावा है कि राजन पर सीधे हमले के पीछे सुब्रहमणियम स्वामी की नराजगी के पीछे ऐसे उम्मीदवार को वहां बैठाना है, जो उनके हिसाब का हो। कांग्रेस नेता जयराम रमेश इसके साथ ही राजन पर इस हमले को वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी सधा हुआ निशाना मानते हैं।

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