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क्यों शत्रुघ्न सिंहा फिर से हुए पीएम मोदी के मुरीद, जाने क्या है इनसाइड स्टोरी

कांग्रेस नेता और दिग्गज अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद हो चले...
क्यों शत्रुघ्न सिंहा फिर से हुए पीएम मोदी के मुरीद, जाने क्या है इनसाइड स्टोरी

कांग्रेस नेता और दिग्गज अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद हो चले हैं। रविवार को सोशल मीडिया पर एक ट्वीट कर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में वापसी की अटकलें को तेज कर दिया है। दरअसल, एक ट्वीट कर उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। ट्वीट कर उन्होंने दुखी लोगों का एक नया वेरिएंट बताया है। उन्होंने लिखा कि दुनिया में चार तरह के दुखी होते हैं। उनमें से कोई खुद से ही दुखी रहता है तो कोई दूसरों से। उन्होंने आगे लिखा कि नया वैरिएंट मोदी से दुखी है। सिन्हा ने ट्वीट किया, "दुनिया में चार तरह के दुखी लोग होते हैं। पहले अपने दुखों से दुखी। दूसरे दूसरों के दुखी से दुखी. तीसरे दूसरों के सुख से दुखी। और चौथा नया वैरिएंट, बिना बात खामखां मोदी से दुखी।"

अब सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेसी नेता शत्रुघ्न सिंहा अचानक से पीएम मोदी की बड़ाई और उनके राग क्यों अलापने लगे हैं। दरअसल, सिन्हा लोकसभा चुनाव 2019 से पहले भाजपा के स्थापना दिवस पर पार्टी को झटका देते हुए कांग्रेसी चोला पहन लिया था। "हाथ" का दामन थामते हुए सिन्हा को लगा कि उन्होंने भाजपा छोड़ अपना कायकल्प कर लिया है और कांग्रेस में उन्हें बेहतर जगह मिलेगी। लेकिन, उनके कयास गलत निकले। पटना साहिब से सांसद रह चुके शत्रुघ्न सिन्हा ने लोकसभा चुनाव में इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमाई थी। लेकिन, मौजूदा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के सामने उनका न चला। उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब उनके परिवार का राजनीतिक कैरियर खत्म होने के मुहाने पर खड़ा नजर आ रहा है।

बिहार विधानसभा चुनाव में भी उनके बेटे लव सिन्हा ने पहली बार राजनीति में किस्मत आजमाते हुए बांकीपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन, भाजपा के नितिन नवीन से वो हार गए। अब शत्रुघ्न को लग रहा है कि जिस नाव पर वो सवार हैं वो डुबती नजर आ रही है। क्योंकि, कांग्रेस की स्थिति राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ राज्य स्तर पर भी लगातार कमजोर पड़ती जा रही है। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महज 19 सीट हीं जीत पाई थी जबकि महागठबंधन में पार्टी को कुल  70 सीटें मिली थी। जिसके बाद से ये मंथन शुरू हुआ कि तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को इतनी अधिक सीट दे कर बड़ी गलती कर दी और इसी वजह से वो सरकार बनाने से चुक गएं। कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन लेफ्ट ने किया था। महागठबंधन को बहुमत के आंकड़े 122 के मुकाबले 110 सीटें मिली थी।

अब हो-ना-हो, कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा को लगने लगा है कि उन्होंने भाजपा को छोड़ बड़ी गलती कर दी। लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी पूनम सिन्हा ने भी भाजपा से बगावत कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुई थीं और राजनाथ सिंह के खिलाफ लखनऊ लोकसभा सीट से मैदान में उतरी थी लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। 

शायद सिन्हा को अब इस बात का एहसास हो चला है कि बॉलीवुड में दूसरों को "खामोश" करने वाले यदि इस वक्त "खामोश" रहेंगे तो राजनीति से वो और उनकी विरासत "खामोश" हो सकती है!

 

 

 

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