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बिहार में सहयोगियों की मांग से दबाव में आई भाजपा

बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियां अभी घोषित नहीं हुई लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बीच बढ़ा संकट पैदा हो गया है। भाजपा के सहयोगी दलों लोक जनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने सीटों की मांग करके एक नए सियासी समीकरण के संकेत दे दिए हैं। इतना ही नहीं इन दलों ने भाजपा के नारे अबकी बार भाजपा सरकार को बदलने को कहा है।
बिहार में सहयोगियों की मांग से दबाव में आई भाजपा

पटना में लोजपा ओर रालोसपा के नेताओं ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में कहा कि जिस तरह से जनता दल यूनाइटेड, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने सीटों के बंटवारे जल्द कर लिए उसी तरह से राजग को चाहिए कि सीटों का बंटवार जल्द हो जाना चाहिए। लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस और रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण कुमार ने कहा कि भाजपा को कुल 243 में से 102 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा ने सीटों की कोई मांग नहीं रखी है लेकिन सूत्र बताते हैं कि मांझी भी कम से कम 40 सीटें चाहते हैं।

संकट में आई भाजपा की ओर से इस पर खुलकर कोई बोलने को तैयार नहीं है लेकिन जिस तरह से पहली बार खुलकर सहयोगी दलों ने मांग की है उससे भाजपा नेता अचंभे में हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी सहयोगी दलों की मांग को प्राथमिकता पर रखेगी क्योंकि चुनाव से पहले भाजपा कोई बड़ा खतरा मोल नहीं लेना चाहती। सहयोगी दलों ने भाजपा को यह भी कहा कि जो नारा है कि अबकी बार भाजपा सरकार उसे भी बदलना होगा। इस नारे की जगह अबकी बार राजग सरकार करना होगा।

एजेंसी की खबरों के मुताबिक रालोसपा नेता अरूण ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि आगामी विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा पर राजग के नाम से नारे जारी किए जाने पर सभी घटक दलों के कार्यकर्ताओं के उत्साह में वृद्धि होगी। वहीं लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के भाई पशुपति ने मांग की कि राजग के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा अगले एक सप्ताह के भीतर हो जाना चाहिए।

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