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एफटीआईआई विवाद: मंत्रालय का हड़ताली छात्रों को बातचीत का न्योता

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) पुणे के आंदोलनकारी छात्रों को इस सप्ताह मुलाकात का समय दिया गया है ताकि टेलीविजन अभिनेता गजेंद्र चौहान को अध्यक्ष के पद से हटाने की उनकी मांग पर चर्चा की जा सके। गौरतलब है कि बीते कई दिनों से छात्र गजेंद्र चौहान को उक्त पद से हटाने को लेकर हड़ताल पर हैं।
एफटीआईआई विवाद: मंत्रालय का हड़ताली छात्रों को बातचीत का न्योता

 

एफटीआईआई निदेशक डी. जे. नारायण ने पीटीआई भाषा को बताया कि आंदोलनकारी छात्रों से बातचीत के लिए संभावित तारीख तीन जुलाई सुझाई गई है। इस बात की जानकारी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे एफटीआईआई स्टूडेंट्स एसोसिएशन को दे दी गई है। एफटीआईआई के छात्रों की हड़ताल आज 17 वें दिन में प्रवेश कर गई। उन्होंने कहा, छात्र संघ मंत्रालय के न्योते पर हमें जानकारी देगा जिसके बाद दिल्ली में वार्ता की तारीख को अंतिम रूप दिया जाएगा।

 

आईसा ने भी प्रदर्शन किया

फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष पद पर भाजपा नेता और महाभारत सीरियल में युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले गजेंद्र चौहान को दिए जाने का विरोध बढ़ता जा रहा है। आज दिल्ली में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के विरोध में ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा) की ओर से भी विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में दिशा छात्र संगठन और नौजवान भारत सभा ने भी भाग लिया।

 

गजेंद्र चौहान के विरोध की वजह

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह गजेंद्र चौहान का व्यक्तिगत विरोध नहीं हैं लेकिन गर्विंग काउंसिल के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों कि नियुक्ति निषपक्ष होनी चाहिए जबकि गजेंद्र चौहान भाजपा के नेता हैं ऐसे में उनकी नियुक्ति संदेह पैदा करती है। उनका कहना था कि गर्वनिंग काउंसिल के कुछ सदस्यों की भी नियुक्ति का विरोध करते हैं जिनकी नजदीकियां सत्ताधारी दल से हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस तरह के एकेडेमिक इंस्टीट्यूशन में नियुक्तियां राजनीतिक आधार पर नहीं होनी चाहिए और नियुक्ति करते वक्त व्यक्ति की सिनेमा को दी गई सेवाओं को ध्यान में रखना चाहिए। प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना था यही वजह है कि हम गजेंद्र चौहान और गर्वनिंग काउंसिल के कुछ अन्य सदस्यों की नियुक्ति का विरोध करते हैं।

 

गौरतलब है कि पुणे स्थित एफटीआईआई के कई छात्रों ने भी चौहान की नियुक्ति का विरोध किया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गुलजार, श्याम बेनेगल, अदूर गोपालकृष्णन जैसे नामों को दरकिनार कर चौहान को यह जिम्‍मेदारी दी है, जिसका अब विरोध हो रहा है।

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