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'रामदेव की मैगी' को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म

बाजार तरह-तरह के फास्ट फूड से अटे पड़े हैं। रेडीमेट रोटियों से लेकर रेडी-टू-ईट दाल-सब्जी। स्नैक्स का तो अंत नहीं। लेकिन सभी के बीच लोकप्रियता का जो सिंहासन मैगी को मयस्सर था वह किसी और को नहीं। मैगी में हानिकारक सीसा की मात्रा ज्यादा होने की खबर क्या आई, 1300 करोड़ का मैगी का बाजार धड़ाम से औंधे मुंह गिर गया। ऐसे में कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं तो किसी ने मैगी से जुड़ी यादें ताजा कीं। किसी ने चुटकले बना डाले तो किसी को इसके पीछे राजनीति लगी। कई लोग इस विवाद के पीछे बाबा रामदेव की मैगी लांच होने की अटकलें लगा रहे हैं। अचानक से सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर स्वास्थ्यवर्धक जानकारियों का भी रेला आ गया-
'रामदेव की मैगी' को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म

 

 फेसबुक पर

यादें @ Maggie- मैग्गी में शहर होना

अक्षय दुबे - नेस्ले की तुम अदद नस्ल हो मैगी, फास्ट फ़ूड की महज़ शक्ल हो मैगी, सचमुच मैगी तुमने मुझे हैरान कर दिया, मानता हूं की तुम बुरी हो लेकिन इतनी भी बुरी नहीं हो यार की तुम्हे देश निकाला दे दिया जाए, तुम तो जानती हो न कि तुमसे भी ज्यादा बुरे फूड्स यहां धड़ल्ले से थाली-दर थाली ,प्लेट-दर-प्लेट मस्ती कर रहें हैं, लेकिन ये बुरा बर्ताव तुम्हारे ऊपर ही क्यों हुआ 'मैगी'?

 

एक वेबसाइट ने तो यादें @ Maggie- मैग्गी में शहर होना! के तहत मैगी के साथ भावनात्मक अनुवभव की सीरीज बना डाली। इसके तहत-

 

प्रदीपिका सारस्वत - मैगी ने कई दफा हॉस्टल में भूखे को सोने से बचाया है ।

निधि तिवारी -  जब भी पति-पत्नी घर आते थे तो खाने को कुछ भी नहीं होता था। फट से मैगी बना लेते थे, अब सोचना पड़ेगा कि क्या बनाएं।

 

चुटकुले

शक्ति सिंह -  हॉस्टलर्स और हम जैसे तन्हा लोगों के दर्द को समझते हुए बाबा रामदेव देसी मैगी लॉन्च कर सकते हैं। मौका भी है, दस्तूर भी। देसी मैगी का नाम पतंजलि नमकीन सेवइयां या "सेवइयां-सब भूखों की मैया" होगा। 

सौरभ पांडे -  मैगी पर ’हाय-हुकु हाय-हुकु हाय-हाय’ सुन कर तो अब यही लगता है.. निकट भविष्य में 'बाबा छाप' नूडल्स के आगमन की तैयारी। मने कबो-कबो ऐंवीं-ऐंवीं सोचना भी रुचता है। 

विरेंद्र फोगाट - मैगी पर प्रतिबंध की खबर क्या आई, देश में ब्यूटी-पार्लर चलानेवाली महिलाएं सरकार के फैसले से नाराज हों गईं। उनका कहना है कि अब उनकी ग्राहक पार्लर से ज्यादा रसोई में समय बिताएंगी और हमारा धंधा मंदा हो जाएगा।

अमित साहू- मैगी तक तो ठीक है पर किसी ने गलती से पोहा-जलेबी पर रोक लगाई तो पूरा रायपुर हिला देंगे।

 

 मैगी पर पाबंदी को कुछ लोग राजनीति की तरह भी देख रहे हैं-

चंद्र भानु-  देश में मैगी नूडल्स 1982 से बिक रहा है। चलो मान लेते हैं कांग्रेसियो ने लोगों को लेड खिलाया।पर 1997 से 2004 तक NDA सरकार थी तब आपको पता कैसे नहीं चला। अचानक  मैगी पर हल्ला मचाकर बहुत कुछ छिपाया तो नही जा रहा है। नेस्ले स्विट्जरलैंड की कंपनी है और स्विट्जरलैंड से ही काला धन भारत आना है। क्या इस बहाने भारत सरकार स्विट्जरलैंड को ब्लैक मेल कर रही है।आप नाम ओपन मत करो हम कारोबार करने देंगे । क्योकि अभी तक 1300 करोड़ का नुकसान हो चुका है नेस्ले कंपनी को ।

 हाफिजुद्दीन खान-  हमको अइसा लग रहा है कि हमको  मैगी में उलझा के इ लोग कुछ गड़बड़ कर रहा है ।

 रीवा सिंह-  लोग कह रहे हैं कि मैगी के अलावा मिड-डे मील पर भी ध्यान देना चाहिए जिसमें सिवाय लेड के सबकुछ उपलब्ध है- पत्थर, कीड़े, छिपकली इत्यादि सही बात है। फिर भी मुझे मैगी पर नकेल कसना जरूरी लगता है। एक ऐसा उत्पाद जिसने खाद्य-सामग्री को उपभोक्तावाद की संस्कृति में अप्रत्याशित ऊंचाई दी। जिसने होम-कुक्ड मील को लोगों से दूर कर दिया और खुद ऑल टाइम मील बनने लगी। नूडल्स को नई परिभाषा दी और आज नूडल्स का पर्याय बन चुकी है। लोगों की इच्छा से आगे बढकर वह लोगों का विश्वास बन चुकी थी। ऐसे में उसकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।

 

मैगी के बहाने कुछ और प्रोडक्ट्स की पोल भी खुल रही है।

राजामोनी एडेदाथु -  मीडिया आखिर यह जानकारी क्यों नहीं देता है कि नेस्ले के कुछ अन्य पर्दाथों में भी मिलावट पाई गई थी। जैसे किटकैट चॉकलेट। चेन्नई हाई कोर्ट में फेयर एंड लवली क्रीम के मामले के बारे में मीडिया रिपोर्टस नहीं आती हैं। मीडिया नहीं बताता है कि दुनिया भर में विक्स पर पाबंदी है, लेकिन भारत में इसका प्रचार-प्रसार किया जाता है। इसी प्रकार लाइफ बॉय साबुन के बारे में बताया जाए कि यूरोप में इससे जानवरों को नहलाया जाता है। कोक और पेप्सी के बारे में क्यों नहीं बताते कि यह टॉयलेट क्लीनर है। इसे लोकसभा में बेचने पर प्रतिबंध है। दूध में मिलाकर पिए जाने वाले बच्चों को प्रिय हेल्थ टॉनिक मूंगफली के भूसे से बनते हैं। जब अमिताभ बच्चन की आंतों का ऑप्रेशन हुआ तो डॉक्टरों ने कहा था कि यह कोल्ड ड्रिंक पीने से हुआ है। पिज्जा की ज्यादातर कंपनियां अमेरिकन हैं। जिसके मसाले में हानिकारक तत्व होते हैं।      

बेंगलूरू से मनोरमा सिंह ने लिखा-  और भी इंस्टेंट कूकिंग आइटम हैं मैगी के सिवा।  उन्होंने 2-मिनट स्नैक्स की रेसिपी भी डाली। जैसे उपमा, दही-चूड़ा, भेल, फ्रूट चाट आदि।   

 

एक अन्य वेबसाइट ने उन चीजों की जानकारी दी है जो दुनियाभर में तो प्रतिबंधित हैं लेकिन भारत में धड़ल्ले से बिक रही हैं।

 एक खबर के अनुसार भारत में बिकने वाला ब्रांडेड शहद दूषित है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवार्यनमेंट ने भारत में बिकने वाली शहद के 12 ब्रांड्स में से 6 में हानिकारक एंटीबायॉटिक्स पाए गए। इन 12 ब्रांड्स में डाबर, हिमालय, पतंजलि, बैद्यनाथ, खादी और 2 बाहर के थे।

 

डिस्प्रिन, नोवाल्जिन, डी-कोल्ड, विक्स एक्शन-500, एंट्रोक्विनॉल, फ्यूरॉक्सन एंड, लोमोफेन, निमुलिड और ऐनल्जि जैसी अनेक दवाएं विदेशों में प्रतिबंधित हैं। लेकिन भारत में मिलती हैं।  

 

67 प्रकार के ऐसे कीटनाशक हैं जो दुनिया भर में प्रतिबंधित हैं लेकिन हमारे देश में बिकते हैं।  

 

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