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जम्मू कश्मीर में एनसी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार, उमर अब्दुल्ला ने दोनों सीटों से दर्ज की जीत, देखें नतीजे

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद तस्वीर साफ हो गई है। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों...
जम्मू कश्मीर में एनसी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार, उमर अब्दुल्ला ने दोनों सीटों से दर्ज की जीत, देखें नतीजे

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद तस्वीर साफ हो गई है। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर वोटों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू हो गई थी। साफतौर पर एनसी कांग्रेस का गठबंधन भाजपा पर भारी पड़ा है और सरकार बनाने के करीब है। गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा (46) पार कर लिया है। इस बीच, फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के नए मुख्यमंत्री होंगे। गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला दो सीटों से चुनाव लडे थे और उन्होंने दोनों ही क्षेत्रों से जीत हासिल कर ली है।

हाई प्रोफाइल सीटों पर किसकी जीत?

• अनंतनाग: कांग्रेस के पीरजादा मोहम्मद सैयद 

• बांदीपोरा: कांग्रेस के निजामुद्दीन भट 

• बारामुला: एनसी के जाविद हसन बैग 

• बिलावर: बीजेपी के सतीश कुमार शर्मा 

• बुदगाम: एनसी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला 

• चेनानी: बीजेपी के बलवंत सिंह मनकोटिया 

• डोडा: आम आदमी पार्टी के मेहराज मालिक

• गंदेरबल: एनसी के उमर अब्दुल्ला 

• हंदवाड़ा: पीपल कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन 

• जम्मू वेस्ट: भाजपा के अरविंद गुप्ता

• कठुआ: बीजेपी के भरत भूषण

• पहलगाम: एनसी के अल्ताफ अहमद वानी 

• पुलवामा: पीडीपी के वहीद उर्रहमान पारा 

• राजौरी: कांग्रेस के इफ्तकार अहमद

(जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी)

रुझानों के बाद आने लगे नतीजे

निर्वाचन आयोग के ताजा अपडेट के मुताबिक, नेशनल कांफ्रेंस ने 40nसीटों और भारतीय जनता पार्टी ने अबतक 27 सीटों पर जीत हासिल कर ली है। वहीं, कांग्रेस ने फिलहाल समय तक 6 सीटों पर कब्जा जमा लिया है। पीडीपी के खाते में भी 3 सीटें जा चुकी हैं।

हार मिले या जीत, जारी रहेगी बातचीत'

• कांग्रेस एनसी गठबंधन के सीएम चेहरे पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री होंगे। नेकां अध्यक्ष ने यह भी कहा कि यह फैसला इस बात का सबूत है कि जम्मू-कश्मीर के लोग अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, "लोगों ने अपना फैसला सुना दिया है और साबित कर दिया है कि 5 अगस्त 2019 को लिए गए फैसले उन्हें स्वीकार्य नहीं हैं। मैं सभी का शुक्रगुजार हूं कि लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया और खुलकर हिस्सा लिया। मैं नतीजों के लिए भगवान का शुक्रगुजार हूं।"

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस बीच भाजपा को चेतावनी दी कि अगर लोगों का जनादेश उनके खिलाफ है तो उन्हें कोई चाल नहीं चलनी चाहिए। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि हम जीतेंगे। यह फैसला जम्मू एवं कश्मीर के मतदाताओं ने कर दिया है और हमें आज दोपहर तक इसका पता चल जाएगा। पारदर्शिता होनी चाहिए। यदि लोगों का जनादेश भाजपा के खिलाफ है, तो उन्हें कोई चाल नहीं चलनी चाहिए। 

उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है। जम्मू-कश्मीर में दस साल के अंतराल के बाद चुनाव हुए हैं। अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि हमें पीडीपी जैसी पार्टियों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी या नहीं। न तो हमने उनसे कोई समर्थन मांगा है और न ही हमें कोई समर्थन मिला है। परिणाम आने दीजिए। पता नहीं हम इतने बेचैन क्यों हैं, परिणाम आने दीजिए, अभी किसी के पास संख्या नहीं है। अभी हमें (उनके समर्थन की) जरूरत नहीं है। परिणाम आने के बाद हम विश्लेषण करेंगे।"

हंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से अवामी इत्तेहाद पार्टी के उम्मीदवार अब्दुल मजीद बंदे ने मंगलवार को चुनाव जीतने का विश्वास जताया। बांडे ने एएनआई से कहा, "हमें जनता से काफी समर्थन मिला है, क्योंकि चुनाव दस साल बाद हो रहे हैं। हमें उम्मीद है कि हमें लोकसभा चुनाव जैसा जनादेश मिलेगा।"

अवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणामों पर कहा, "मेरा विजन कश्मीर के लिए ये है कि मेरे सपनों का कश्मीर बनें जहां शांति हो, सब मिलकर रहें, लोगों की सुनीं जाए। हमने अपनी कैंपेन चलाई। इन्हें साढ़े पांच साल मिले हमें कैंपेन के लिए 10-12 दिन मिले। लोगों का फैसला स्वीकार होगा। लोगों के फैसले का सम्मान किया जाएगा..."।

बता दें कि काउंटिंग में पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होती है। इसके बाद ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के डाले गए वोटों की गिनती होती है। फाइनल नतीजों की तस्वीर दोपहर बाद ही साफ होगी। वोटिंग के लिए जम्मू-कश्मीर के सभी 20 मतगणना केंद्रों और जिला मुख्यालयों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

बता दें कि साल 2019 में आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है। एग्जिट पोल में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को बढ़त मिलने का अनुमान है। जानते हैं जम्मू-कश्मीर में जीत का सेहरा किसके सिर सजेगा?

दरअसल, जम्मू-कश्मीर को लेकर आए अधिकतर एग्जिट पोल ने जम्मू-कश्मीर में खंडित जनादेश का अनुमान व्यक्त किया है। हालांकि, ज्यादातर एग्जिट पोल्स के रिजल्ट में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को बढ़त मिलने की संभावना भी जताई गई है। कुछ एग्जिट पोल ने इस गठबंधन को बहुमत के करीब दिखाया है।

चुनाव रिजल्ट से पहले ही जीत का दावा

कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को भरोसा है कि उनकी सरकार बनेगी। सभी पार्टियों ने केंद्र शासित प्रदेश में अगली सरकार बनाने का विश्वास जताया।

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया था। गठबंधन ने दावा किया कि वे अपने दम पर 90 सदस्यीय सदन में 46 का जादुई आंकड़ा पार कर लेंगे। वहीं, भाजपा निर्दलीय उम्मीदवारों पर निर्भर है और पीडीपी ने कहा कि उसके समर्थन के बिना जम्मू-कश्मीर में कोई धर्मनिरपेक्ष सरकार संभव नहीं है।

भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख रवींद्र रैना ने कहा कि उनकी पार्टी 35 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। उन्होंने कहा कि निर्दलीय और समान विचारधारा वाले दलों की मदद से भाजपा बहुमत का आंकड़ा पार कर जाएगी।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में सात जिलों में 61.38 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि लोकसभा चुनावों में यह आंकड़ा 60 प्रतिशत था। दूसरे चरण में छह जिलों में 57.31 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि लोकसभा चुनाव में 52.17 प्रतिशत मतदान हुआ था।

वहीं, जम्मू-कश्मीर चुनाव के तीसरे चरण में 69.69 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया। केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कुल 63.88 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया। आयोग ने बताया कि कुल मिलाकर मतदान केंद्रों पर 63.88 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि लोकसभा चुनाव में 58.58 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।

बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में 65 फीसदी मतदान हुआ था। उस वक्त पीडीपी 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। भारतीय जनता पार्टी 25 सीटें जीतकर पीडीपी के बाद दूसरे नंबर पर रही थी। फारुक अब्दुल्ला की अगुवाई वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15, कांग्रेस को 12, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को दो सीटों पर जीत मिली थी। वहीं, सीपीआईएम के खाते में एक सीट आई थी।

 

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