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सैर-सपाटे के दौरान मुंबई के गणपति उत्सव का मजा

17 सितंबर 2015 को शुरू हो रहे मुंबई के प्रसिद्ध त्योहार से जुड़ी 5 जरूरी बातें।
सैर-सपाटे के दौरान मुंबई के गणपति उत्सव का मजा

गणेश गली की सैर 

सेंट्रल मुंबई के लाल बाग की इस गली का यह नाम उन गणेश-शालाओं की वजह से पड़ा जहां गणेश की मूर्तियां बनाई जाती हैं। आमतौर पर इन कार्यशालाओं के मालिक और मूर्तिकार आपको कारखानों में घुसने और वहां घूमने से नहीं रोकेंगे लेकिन तस्वीरें लेने से पहले उनकी आज्ञा जरूर लें। यहां आपको चढ़ावे के सामान, सजावट की ढेर सारी वस्तुएं, गौरी गणपति पर्व के लिए मूर्तियां, मिठाईयां और मोदक आदि भी बिकते हुए मिलेंगे। बियॉंन्‍ड बॉम्बे  नाम की संस्‍था गणेश उत्सव के पहले यहां नियमित रूप से सैर करवाती है। 

पर्यावरण विरोधी रंगों और सामानों के उपयोग को रोकने के लिए यहां कई संगठन पर्यावरण के अनुकूल मूर्तियों के निर्माण के बारे में जागरूकता फैलाने के प्रयास कर रहे हैं। पर्यावरण के अनुकूल मूर्तियों के लिए आप मुंबई गोज ग्रीन नाम की संस्‍था से संपर्क कर सकते हैं। 

गणपति उत्सव की तिथियां

गणपति (गणेश) महोत्सव गणेश चतुर्थी या चौथे दिन शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी या चंद्र कैलेंडर के अनुसार पखवाड़े के 14 वें दिन समाप्त होता है। 2015 में 11 दिन का यह उत्सव 17 सितंबर से शुरू और 27 सितंबर को समाप्त होगा। कई लोग पूजा के दिनों में कटौती कर डेढ़ दिन, तीन दिन, पांच दिन और सात दिन की गणपति पूजा का भी आयोजन करते हैं। गौरी गणेश उत्सव (17-19 सितंबर) इस महोत्सव की एक दिलचस्प विशेषता है जिसमें मां और बेटे की एक साथ पूजा की जाती है।     

गणपति जुलूस

मुंबई और उसके आसपास के विभिन्न गणपति मंडलों (संघों) का दर्शन जरूर करें। अधिकांश प्रसिद्ध मंडल 11 दिन का गणेश त्योहार मनाते हैं। 1893 में शुरू हुए गिरगांव केशवजी नाइक चॉल के उत्सव को मुंबई का सबसे पुराना सार्वजनिक या समुदायिक गणपति उत्सव माना जाता है। लालबाग के राजा (1934 में शुरू) के दर्शन करना आप नहीं भूल सकते। लालबाग की यात्रा आपके धैर्य की भरपूर परीक्षा लेगी। लाल बाग के राजा के दर्शन के लिए आपको सामान्‍य कतार (मुखादर्शन) में दो से छह घंटे तक इंतजार करना पड़ सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किसी कार्य दिवस या सप्ताहांत के दिन पर दर्शन कर रहे हैं। अगर आप इच्छा-पूर्ति (नवास) कतार में हैं तो यह इंतजार और भी लंबा हो सकता है। पूजा करने आने वाले प्रसिद्ध फिल्म अभिनेताओं और अन्य वीआईपी लोगों को देखना भी यहां टाइमपास का एक पसंदीदा शगल है। अन्य प्रसिद्ध गणपतियों में गणेश गली का मुंबईचा राजा, अंधेरीचा राजा (यह मंडल सबसे लंबी अवधी तक इस उत्सव को मनाता है यहां की मूर्ति अनंत-चतुर्दशी के पांच दिन बाद या जिस दिन अन्य सभी मूर्तियां विसर्जन के लिए लाई जाती हैं, उस दिन विसर्जित की जाती है), विभाग किला गणेश उत्सव मंडल, जीएसबी सेवा मंडल, खेतवाड़ी गणराज, चेंबूर सहयाद्री क्रिड़ा मंडल चेंबूर क्रिड़ा आदि हैं। 

गणपति विसर्जन

विशाल मूर्तियों को जब समुद्र में विसर्जन के लिए ले जाया जाता है तो सैंकड़ों लोग जिनमें कई संगीतकार होते हैं, इसके पीछे पीछे चलते हैं। यह जुलूस जब संकरी गलियों के भूलभुलैया से होते हुए निकलता है तो यह दृश्य देख कर ही विश्वास करने वाला होता है। पश्चिमी उपनगर में मरीन ड्राइव और जूहू बीच पर गिरगांव चौपाटी (समुद्र तट) विसर्जन देखने के स्थलों में दो सबसे प्रसिद्ध स्थान हैं। लेकिन आप यहां यातायात प्रतिबंधों और भारी भीड़ के लिए मानसिक तौर पर तैयार रहें। 2015 के लिए निर्धारित विसर्जन की अलग-अलग तिथियां 18,19, 21, 23 और 27 सितंबर हैं। 

गणपति का पसंदीदा भोजन

गणेश को उसका सबसे प्रिय भोजन मोदक दें। ये गुलगुले के आकार का चावल या गेहूं के आटे से बनी मीठाई होती है जो नारियल और गुड़ के मिश्रण से भरकर भूनी हुई होती है। लेकिन इसमें भी कई तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। पिछले साल बूंदी के मोदक की मांग सबसे ज्यादा थी। मोदक में और क्या क्या प्रयोग हो रहे हैं यह देखने के लिए दिवा महाराष्ट्र उपयुक्त और बेहतरीन जगह है। 

 

 

 

 

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