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उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट के लिए भाजपा और सपा के बीच शह मात का खेल

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की एक सीट के लिये बुधवार को सारा दिन सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और...
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट के लिए भाजपा और सपा के बीच शह मात का खेल

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की एक सीट के लिये बुधवार को सारा दिन सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच शह मात का खेल सारा दिन चला और अंतत: जीत भाजपा की हुई जब बसपा प्रत्याशी की उम्मीदवारी कसौटी पर खरी उतरी।

दरअसल,राज्यसभा की दस सीटों के लिये भाजपा के आठ और सपा एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक एक उम्मीदवार ने पर्चा भरा था जिसके चलते निर्वाचन के निर्विरोध होने की संभवानायें बढ गयी थी लेकिन नामांकन के अंतिम दिन शाम को सपा समर्थित प्रकाश बजाज ने नामांकन कर मुकाबले को रोचक बना दिया।

जल्दबाजी में हुये नामांकन में सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी ने अपना हलफनामा ही अधूरा छोड़ दिया। इसके अलावा प्रस्तावकों में एक विधायक का नाम गलत भर दिया जिसके चलते नामांकन पत्रों की जांच के बाद बुधवार देर शाम उनका पर्चा पर्चा निरस्त हो गया।

उधर ,बसपा विधायक असलम राईनी, असलम अली चौधरी, हाकिम लाल बिंद, हर गोविंद भार्गव, मुज्तबा सिद्दीकी और सुषमा पटेल ने प्रस्तावक के रूप में अपने हस्ताक्षर को फर्जी करार देते हुये बसपा उम्मीदवार के खिलाफ बगावत कर दी।

सूत्रों के अनुसार 26 अक्टूबर को भी ये बसपा विधायक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के संपर्क में आ गये थे जिसके बाद सपा ने भाजपा की गणित खराब करने की रणनीति तैयार कर ली थी और नामांकन के आखिरी दिन ऐन मौके पर वाराणसी के प्रकाश बजाज का अपने विधायकों के समर्थन से निर्दलीय पर्चा भरवा दिया लेकिन जल्दबाजी का यह दांव समाजवादी पार्टी के काम नहीं आया।

उन्हाेने बताया कि बसपा विधायकों की बगावत काम नहीं आई। बसपा प्रत्याशी का पर्चा सही पाया गया। ऐसे में अब मतदान की नौबत ही नहीं आएगी।

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