Advertisement

योगी सरकार का राजीव गांधी ट्रस्ट को नोटिस, जमीन पर है गैर-कानूनी कब्जा

उत्तर प्रदेश में रायबरेली के जायस में स्थित राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को एसडीएम ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। ट्रस्ट इस 10 हजार स्क्वॉयर मीटर की जमीन पर महिलाओं को वोकेशनल ट्रेनिंग दे रहा था। इस मामले पर कांग्रेस ने कहा कि यह बदले की भावना से की गई कार्रवाई है।
योगी सरकार का राजीव गांधी ट्रस्ट को नोटिस, जमीन पर है गैर-कानूनी कब्जा

इस खबर की जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि इस जमीन को कभी भी ट्रस्ट को नहीं दिया गया था। उन्होंने बताया कि कुछ जमीनों के एकत्रीकरण के दौरान उन्हें सार्वजनिक सुविधाएं, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों के लिए रखा गया था। वहीं इस जमीन को लड़कियों के कॉलेज के लिए रखा गया था।

एसडीएम अशोक शुक्ला ने बताया कि वर्ष 1982 में राय बरेली के जिला कलेक्टर ने एक पत्र लिखकर एसडीएम से इस जमीन पर महिलाओं को नौकरी देने संबंधित वोकेशनल ट्रेनिंग की मंजूरी ली थी। उन्होंने कहा कि यह जमीन अभी भी सरकारी विभाग की है और इस पर सरकारी नियम ही लागू हैं।

एसडीएम  ने कहा कि ट्रस्ट के पास ऐसे कोई भी कागजात मौजूद नहीं हैं, जिससे ये साबित हो सके कि इस जमीन को राजीव गांधी महिला विकास परियोजना के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि हमने नोटिस भेजकर उनसे जवाब देने को कहा है। अगर उनके जवाब से हम संतुष्ट नहीं होते हैं तो उन्हें फाइनल नोटिस भेजा जाएगा और जमीन को वापस लेने की कार्रवाई शुरु की जाएगी।

भाजपा का बयान

अमेठी में भाजपा के प्रवक्ता गोविंद सिंह ने बताया, मैंने इस जमीन को लेकर एक साल पहले शिकायत की थी, लेकिन पूर्व की समाजवादी सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।

ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं सोनिया

सोनिया गांधी आरजीसीटी की अध्यक्ष हैं और राहुल इसमें ट्रस्टी हैं। इससे पहले भाजपा की अमेठी डिस्ट्रिक्ट यूनिट ने आरोप लगाया था कि परिवार संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल के गेस्ट हाउस को राजनीतिक मकसद के लिए इस्तेमाल कर रहा है। भाजपा ने एडमिनिस्ट्रेशन से इस पर जवाब मांगने के लिए कहा था।

बदले की भावना से हो रही है कार्रवाई

राहुल गांधी के रिप्रेजेंटेटिव चंद्रकांत दूबे गांधी कहते हैं, "यूपी भर में राजीव गांधी महिला विकास परियोजना की मदद से 15 लाख महिलाएं 1.25 लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं। इसका कोई राजनीतिक फायदा नहीं है। जमीन का पजेशन वापस लेने से ये प्रोजेक्ट नहीं रुकेगा। हम कहीं और ट्रेनिंग मुहैया कराएंगे, लेकिन ये कार्रवाई बदले की भावना से हो रही है।

इस मामले पर कांग्रेस के एक जन प्रतिनिधि केएल शर्मा ने कहा कि इस मामले की जांच हमारे कानूनी सलाहकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस जमीन को पहले 1984 में ठाकुर दास ट्रस्ट को दिया गया था। यह जमीन खाली थी और यहां पर बाद में राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट ने महिलाओं को वोकेशनल ट्रेनिंग देना शुरु किया।

वहीं, अन्य कांग्रेस जनप्रतिनिधि चंद्रकांत दुबे ने कहा कि राजीव गांधी महिला विकास परियोजना के तहत यहां पर करीब 15 लाख महिलाएं इससे जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई राजनीतिक फायदा नहीं है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad