Advertisement

शशिकला के शपथ ग्रहण को लेकर अनिश्चितता

वीके शशिकला के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर आज अनिश्चितता रही क्योंकि राज्यपाल विद्यासागर राव ने चेन्नई आने की अपनी योजना टाल दी। इस बीच अन्नाद्रमुक और बागी नेताओं के बीच जे जयललिता की मृत्यु को लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया।
शशिकला के शपथ ग्रहण को लेकर अनिश्चितता

राज्यपाल विद्यासागर राव की योजना को लेकर अनिश्चितता के मद्देनजर अन्नाद्रमुक ने इस बात पर जोर दिया कि शशिकला को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाना राज्यपाल का संवैधानिक दायित्व है और इसे रोकने का कोई आधार नहीं है। मुंबई में राजभवन सूत्रों ने बताया कि राव मुंबई में हैं और फिलहाल चेन्नई जाने की उनकी कोई योजना नहीं है। सूत्रों ने यह संकेत दिया कि वह कल कोई निर्णय कर सकते हैं। राव महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और वह तमिलनाडु का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं।

शशिकला एवं अन्य के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा अगले सप्ताह फैसला देने की उम्मीद के बीच राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ गई है क्योंकि विपक्षी दलों ने शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने के कदम पर निशाना साधा। वहीं अन्नाद्रमुक ने शशिकला का मजबूती से बचाव किया।

आज पूर्व विधानसभाध्यक्ष पीएच पांडियन और उनके पुत्रा एवं अन्नाद्रमुक पदाधिकारी मनोज ने जे जयललिता की मृत्यु पर संदेह व्यक्त किया और आरोप लगाया कि उनके पोयेस गार्डन आवास पर एक झगड़ा हुआ था जिस दौरान उन्हें नीचे धक्का दे दिया गया और वह बेहोश हो गईं। इसके बाद उन्हें 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पांडियन ने इसके साथ ही जयललिता की निकट सहयोगी वीके शशिकला को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनाए जाने का भी कड़ा विरोध किया।

अन्नाद्रमुक ने अपने दो शीर्ष नेताओं पी रामचंद्रन और केए सेनगोतैयां को लगाया जिन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन किया जिसमें उन्होंने पांडियन के आरोपों को खारिज किया और उन्हें एक विश्वासघाती बताया जो भ्रम उत्पन्न कर रहे हैं। रामचंद्रन ने इस बात पर जोर दिया कि शशिकला का उन्नयन पार्टी नियमों के अनुरूप है और यह वैध है। उन्होंने कहा कि महासचिव प्रभारी की नियुक्ति हो सकती है।

एमजीआर कैबिनेट में मंत्री रहे रामचंद्रन ने कहा कि शशिकला को शपथ दिलाना राज्यपाल का संवैधानिक दायित्व है। इसे रोकने का कोई आधार नहीं है। कोई भी इसे रोक नहीं सकता। शशिकला के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने का विरोध करते हुए दायर जनहित याचिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अदालत उस याचिका को खारिज कर सकती है, वह राज्यपाल के कर्तव्य में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

 

अन्नाद्रमुक मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन जयललिता की मृत्यु को लेकर अफवाहों एवं अटकलों को खारिज करने के लिए बुलाया गया था, विशेष तौर पर पांडियन के संवाददाताओं को संबोधित करने के मद्देनजर। पांडियन ने दावा किया कि शशिकला का उन्नयन पार्टी नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी प्रमुख या मुख्यमंत्री बनने का कोई आधार नहीं है। शशिकला को अन्नाद्रमुक विधायक दल का नेता चुने जाने और उनके मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त होने के दो दिन बाद पांडियन ने कहा कि शशिकला न तो पार्टी प्रमुख बनने लायक हैं और न ही मुख्यमंत्री।

 

उन्होंने दावा किया कि जयललिता के निधन के 20 दिन के भीतर पार्टी के नेताओं से कहलवाया गया कि वे चाहते हैं कि शशिकला पार्टी प्रमुख बनें। उन्होंने शशिकला को अन्नाद्रमुक प्रमुख बनाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह पार्टी नियमों के खिलाफ है। केवल पार्टी काडर ही महासचिव चुन सकते हैं। उन्होंने कहा कि  पार्टी के नियमों का उल्लंघन करते हुए कोई भी महासचिव नहीं बन सकता। यदि ऐसा किया गया है तो यह टिकाऊ नहीं है। (एजेंसी)

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad