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छत्तीसगढ़ का ये गांव, जहां 8 किलोमीटर दूर नदियों और जंगलों को पार कर स्कूल जाते हैं बच्चे

देश को आजाद हुए 72 साल हो गए हैं। इसके बाद भी देश में ऐसे कई हिस्से हैं जो आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस...
छत्तीसगढ़ का ये गांव, जहां 8 किलोमीटर दूर नदियों और जंगलों को पार कर स्कूल जाते हैं बच्चे

देश को आजाद हुए 72 साल हो गए हैं। इसके बाद भी देश में ऐसे कई हिस्से हैं जो आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। आज भी देश में कई ऐसी जगहें हैं जहां बच्चों के लिए स्कूल तक पहुंचना किसी जंग से कम नहीं है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले का है, जहां एक गांव ऐसा है जहां के बच्चे 8 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद स्कूल पहुंच पाते हैं। यही नहीं बरसात के दिनों में तो यहां समस्याएं और भी बढ़ जाती हैं।

इस गांव में सड़क न होने के कारण यहां के स्कूली बच्चे नदी और जंगल पार कर कोल्टी स्थित स्कूल पहुंचते हैं। गांव के बच्चों का कहना है कि गांव में स्कूल और सड़क के न होने के कारण इन्हें पैदल चलकर ही स्कूल तक जाना पड़ता है। बच्चों को रोज इस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जिसके बाद ही वो स्कूल तक पहुंच पाते हैं।

सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को भी होती है काफी परेशानी

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस तरह के परेशानियों को झेलने वाले बच्चों के परिजनों का भी कहना है कि गांव में सड़क न होने के कारण उन्हें भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए उन्हें काफी दिक्कतें होती हैं।

अधिकारियों को कई बार कर चुके हैं सूचित

गांव में सड़क न होने की सूचना ग्रामीण कई बार अधिकारियों को दे चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी अभी तक जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। इससे गावं के लोगों और खास कर स्कूली बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

चुनाव से पहले किए गए वादे नहीं होते पूरे

ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव से पहले नेता यहां वोट मांगने के लिए आते हैं। बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव होने के बाद हमारी कोई सुध नहीं लेता। हमें कभी भी किसी भी मंत्री से कोई मदद नहीं मिली। गांव में बदहाली का यह आलम प्रदेश के जिम्मेदार अधिकारियों के काम और इनकी जिम्मेदारियों को पूरी करने की कोशिशों पर सवाल उठाता है।

गांव में सड़क, स्कूल जैसी जरूरी सुविधाएं न होना यहां के बच्चों और ग्रामीणों को रोज जोखिम उठाने को मजबूर करती है. हर दिन बच्चों के स्कूल से आने तक बच्चों के परिजन बेसब्री से उनका इंतजार करते रहते हैं।

हम समस्याओं की अनदेखी नहीं कर रहे

वहीं, शंकरगढ़ जनपद के सीईओ समुद्र साईं का गांव में सड़क न होने को लेकर कहना है कि 'हम जल्द से जल्द गांव की हालत में सुधार की कोशिश कर रहे हैं। हम बारिश खत्म होने के बाद गांव में पुल का निर्माण कर नया रास्ता बनाने की कोशिश करेंगे।

बारिश के चलते अभी गांव में भारी वाहन भेजने में मुश्किल हो सकती है। इसलिए हमें इंतजार करना होगा। हम समस्याओं को नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं, बल्कि समस्याओं का समाधान खोज रहे हैं।


 

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