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जालसाजी पर शिकंजे के लिए पंजाब सरकार आरबीआई से करेगी तालमेल

ठगी करने वाली धोखेबाज गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) की अब पंजाब में खैर नहीं। राज्य सरका ने विभिन्न लुभावनियों स्कीमों जैसे कि सांझी निवेश स्कीमों और बहु स्तरीय मार्किटिंग स्कीमों के नाम पर ठगी कर रही इन कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से तालमेल किया है।
जालसाजी पर शिकंजे के लिए पंजाब सरकार आरबीआई से करेगी तालमेल

 इस दिशा में मुख्य सचिव पंजाब की अध्यक्षता में गठित एनबीएफसी संबंधी एक उच्च स्तरीय तालमेल कमेटी की एक बैठक हुई। कमेटी के गठन का उद्धेश्य मुख्य तौर पर विभिन्न एजेंसियों द्वारा आपसी तालमेल से निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए एक नीति तैयार करना है जोकि अनअधिकारित कंपनियों के हाथों अपना पैसा गवां बैठते हैं। 

 

बैठक में यह खुलासा भी किया गया कि आरबीआई द्वारा पंजीकृत एनबीएफसी कंपनियों की गतिविधियों पर गहरी नजर रखी जा रही है और वित्तीय अनियमितताएं करने वाली कंपनियों के पंजीकरण प्रमाण-पत्र रद्द किये जा रहें हैं। विभिन्न वित्तीय स्कीमों में निवेश करने वाले लोगों के हितों की रक्षा के लिए पंजाब सरकार ने पंजाब प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपोजिटरज बिल को अंतिम रुप दिया है। इस बिल को आरबीआई,  सेबी और  अन्य एजेंसियों से सलाह करके तैयार किया गया है। 

 

प्रधान सचिव वित्त ने जानकारी दी कि आरबीआई द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर राज्य सरकार के अधिकारियों के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने के प्रक्रिया चालू है और इस संबंधी विभिन्न कानूनों के प्रस्तावों को भी ध्यान में रखा गया कि ताकि राज्य सरकार वित्तीय जालसाजों पर नकेल डाल सके। बैठक के दौरान यह फैसला किया गया कि आरबीआई द्वारा महात्मा गांधी लोक प्रशासन संस्था से एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे जिस तहत आरबीआई, सेबी और अन्य अह्म वित्तीय कानूनों के विभिन्न पक्षों संबंधी जानकारी हासिल करने के लिए राजय सरकार के क्षेत्रीय अधिकारियेां को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह विस्तृत प्रशिक्षण क्षेत्रीय अधिकारियों को आरबीआई, सेबी और अन्य वित्तीय दिशा निर्देशों को लागू करने में मदद करेगी। 

 

लोगों को ऐसी धोखेबाज कंपनियों संबंधी जागरूक करने के लिए आरबीआई द्वारा कंपनियों संबंधी पूरी सूचना राज्य सरकार से ऑन लाइन सांझा की जाएंगी। आरबीआई की वैब साइट को इन कंपनियों संबंधी ताजा जानकारी मुहैया करने के लिए पंजाब सरकार की वैब साइट से जोड़ा जाएगा। 

 

राज्य सरकार ने समस्त जिलों के अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर (विकास) को संयुक्त निदेशक संस्थागत वित्त और बैंकिंग का दर्जा दे दिया है। सभी अतिरिक्त डिप्टी कमिशनरों को अपने अधिकार क्षेत्र अधीन गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं संबंधी जानकारी जुआने के हुक्म दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को एसएमएस, मोबाइल/वाइस कॉल, रेडियो विज्ञापन और अन्य रिवायती मीडिया द्वार जानकारी प्रदान किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि नौशरबाज कंपनियों द्वारा अनअधिकारित तौर पर रकम जमा करवाने संबंधी शिकायतों के निपटारे के लिए राज्य सरकार द्वारा आरबीआई से मिलकर एक योजना तैयार की जाएगी। 

 

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री जसपाल सिंह संधू, प्रमुख सचिव वित्त श्री डी पी रेड्डी, सचिव (व्यय), श्री जसपाल सिंह, क्षेत्रीय निदेशक (आर बी आई) रशमी फौजदार, जनरल मैनेजर आरबीआई किरन शर्मा, नेशनल हाउसिंग बैंक एवं कार्यकारी निदेशक डॉ. संजीव शर्मा और आर बी आई, सेबी और राज्य सरकार के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे। 

 

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