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भीमा कोरेगांव मामले में सुधा, फरेरा और गोंजाल्विस की जमानत याचिका खारिज

पुणे सत्र न्यायालय ने भीमा कोरेगांव हिंसा में आरोपी अरुण फरेरा, वेरनन गोंजाल्विस और सुधा भारद्वाज की...
भीमा कोरेगांव मामले में सुधा, फरेरा और गोंजाल्विस की जमानत याचिका खारिज

पुणे सत्र न्यायालय ने भीमा कोरेगांव हिंसा में आरोपी अरुण फरेरा, वेरनन गोंजाल्विस और सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका खारिज कर दी है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में तीन आरोपियों की ओर से दाखिल की गई जमानत याचिका पर शुक्रवार को पुणे के सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई। इसमें अदालत ने आरोपी मानवाधिकार कार्यकर्ता अरूण फरेरा, वेरनन गोंजाल्विस और सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका खारिज कर दी। बता दें कि ये तीनों आरोपी फिलहाल अपने ही घर में नजरबंद हैं, जिसकी अवधि आज खत्म हो रही है।

अब पुणे की सत्र अदालत के फैसले के बाद तीनों आरोपियों की नजरबंदी बढ़ा दी गई है। इसके अलावा इस मामले में दो अन्य आरोपी ऐक्टिविस्ट की गिरफ्तारी पर भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना बाकी है।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि महाराष्ट्र पुलिस ने पांच कार्यकर्ताओं- वरवर राव, अरुण फरेरा, वेरनन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा- को कोरेगांव भीमा हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर महाराष्ट्र पुलिस ने पांचों को 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से ये कार्यकर्ता नजरबंद थे। हालांकि गौतम नवलखा को दिल्ली हाई कोर्ट ने कर दिया था।

इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा और प्रफेसर आनंद तेलतुंबड़े दोनों की गिरफ्तारी पर 26 अक्टूबर तक फैसला ना लेने की बात कही थी। बता दें कि इस साल की शुरुआत में पुणे के पास भीमा-कोरेगांव में जातीय हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 1 की मौत हो गई थी जिसके बाद पूरे महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में दंगा फैल गया था।

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