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अब पोस्ता कारोबारियों के गुस्से का सामना कर रही शिवराज सरकार

राज्य सरकार पोस्ता दाना छनाई के लाइसेंस नहीं दे रही है। कारोबारियों ने पोस्तादाने की नीलामी का बहिष्कार कर सरकार की नींद उड़ा दी है।
अब पोस्ता कारोबारियों के गुस्से का सामना कर रही शिवराज सरकार

मध्य प्रदेश सरकार को अब पोस्ता कारोबारियों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा पोस्ता दाना छनाई के लाइसेंस न देने के कारण पोस्ता कारोबारियों ने पोस्तादाने ऑक्शन का बहिष्कार कर सरकार की नींद उड़ा दी है। अपनी बेशकीमती फसल मंडी में बेचने करने की बजाय किसान अपना माल लेकर वापस लौट गए।

मंगलवार को नीमच जिले में स्थित देश की सबसे बड़ी पोस्तादाना मंडी में नजारा कुछ और ही था। पोस्ता कारोबारी मंडी तो पहुंचे पर बेशकीमती फसल बेचने की प्रक्रिया में भाग लेने से कतराते रहे।

पोस्ता कारोबारियों का कहना था कि व्यापारी करे भी तो क्या करें। दो साल हुए राज्य सरकार ने पोस्ता दाना छनाई के लाइसेंस देना बंद कर दिए है। अब यदि व्यापारी पोस्ता खरीदता है तो उसे बेचने के पहले पोस्तादाना साफ करना पड़ेगा। पर पोस्ता दाना छनाई के लाइसेंस न होने के कारण वो साफ़ नहीं कर सकता है। अगर वह पोस्तादाना साफ़ करता है, तो उस पर एनडीपीएस एक्ट लगाया जा सकता है। ऐसे में रिस्क लेकर कौन सा व्यापारी जेल जाना चाहेगा। इसी के चलते पोस्ता व्यापारियों ने पोस्त के कारोबार से हाथ खींच लिया है। पोस्ता कारोबारी मंडी में इसकी नीलामी में भी भाग नहीं ले रहे हैं।

अफीम की खेती करने वाले किसान राधेश्याम धनगर का कहना है कि सरकार व्यापारियों को पोस्ता दाना छनाई का लाइसेंस क्यों नहीं देती1 यदि यही हाल रहा तो किसान का पोस्तादाना भारी नुकसान में चला जायेगा।

जाहिर है, नीलामी न होने के कारण किसानों की सबसे बेशकीमती फसल के दाम औंधे मुंह गिर गए हैं। इसको लेकर किसानों और पोस्ता कारोबारियों में खासी नाराजगी है।

आपको बताते चले की पोस्ता दाना किसानों के लिए एक नगदी फसल की तरह है। इसे किसान जमा पूंजी की तरह अपने पास सहेज कर रखता है और ज़रूरत होने पर इसे बेचकर अपना काम निकाल लेता है। 

आपको बताते चले की इस बार नीमच मंडी में 8 जुलाई को केवल 40 बोरी पोस्ता दाना बिकने के लिए पहुंचे थे। जिसमें से कुल 20 बोरी ही बिक पाए। 10 जुलाई को जब मंडी एक बार फिर खुली तो केवल 20 बोरी ही पहुंच पाई। जिसमें से मात्र 8 बोरी पोस्तादाना बिका। इस दौरान जो पोस्तादाना बिका उसका भाव करीब 8 से 10  हज़र रूपये क्विंटल कम था। पूर्व में यह पोस्तादाना 25000 से 48000 रूपये क्विंटल तक बिकता रहा है, लेकिन अभी इसका भाव 22000 से 34000 रूपये क्विंटल पर आकर टिक गया है।

गौरतलब है की पोस्तादाना का कारोबार एक बड़ा कारोबार है और नीमच मंडी से ही पोस्तादाना पूरे देश में सप्लाई होता है। पोस्ताकारोबारियो ने अपनी समस्या सरकार तक भी पहुंचाई है।  मंगलवार को पोस्ता कारोबारियों ने व्यापारी संघ अध्यक्ष राकेश भारद्वाज के नेतृत्व में प्रभारी मंत्री अर्चना चिटनीस को एक ज्ञापन दिया है, जिस पर प्रभारी मंत्री ने जिला कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह को निर्देश दिया कि इस मामले का कोई हल ढूंढा जाए। 

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