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‘खुद को मुगल बादशाह समझते थे पूर्व मुख्य न्यायाधीश’

पटना हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश ने पिछले हफ्ते सेवानिवृत्त हुए मुख्य न्यायाधीश के बारे में एक खुला पत्र लिखकर उनके विदाई समारोह में जाने से साफ मना कर दिया कि वह ‘मुगल बादशाह’ की तरह काम करते थे और कानून के लिए उनके मन में कोई सम्मान नहीं था।
‘खुद को मुगल बादशाह समझते थे पूर्व मुख्य न्यायाधीश’

न्यायाधीश धरनीधर झा पिछले आठ वर्षों से हाईकोर्ट में न्यायाधीश हैं और 1 अगस्त को चार पन्ने का खुला पत्र लिखकर उन्होंने उनके विदाई समारोह में जाने से इनकार कर दिया। पत्र में उन्होंने लिखा कि सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश एल. नरसिम्हा रेड्डी भ्रष्‍ट और कुछ खास जातियों के पक्षपाती न्यायाधीश थे। उन्होंने यह भी लिखा है कि मुख्य न्यायाधीश मुख्य कानून अधिकारियों से हाल-हाल तक बाथरूम साफ करवाते थे।

मुख्य न्यायाधीश का विदाई समारोह बार काउंसिल ने आयोजित किया था। न्यायमूर्ति झा ने लिखा है, ‘उनका बर्ताव एक न्यायाधीश जैसा कभी नहीं रहा बल्कि वह राजनेता की तरह बर्ताव करते थे। वह सुप्रीम कोर्ट की नीतियों और फैसलों को भी हवा में उड़ा देते थे।’

इस विवाद पर हालांकि पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन इंडियन एक्सप्रेस ने उनके हवाले से लिखा है, ‘जब तक मैं पद पर रहा, उन्होंने मेरे फैसलों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला। मेरे सभी फैसले भरी अदालत में लिए गए। अभी उन्होंने जो पत्र लिखा है, उसे तो मैंने नहीं देखा है लेकिन उनके लगाए आरोप सरासर बेबुनियाद हैं।’ आरोप लगाने वाले न्यायाधीश ने यह भी लिखा है कि मुख्य न्यायाधीश किसी समारोह के लिए वेंडर ठेके भी बिना किसी की सहमति से लेते थे और कोई नहीं जान पाता था कि इसके लिए कितनी राशि अदा की गई है।

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