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आउटलुक विशेष : महाराष्ट्र में तीन साल पहले मरे अफसर का तबादला

प्रशासन की खामी उजागर होने के बाद राजनीति गरमाई, कर्मचारियों पर गाज गिरी
आउटलुक विशेष : महाराष्ट्र में तीन साल पहले मरे अफसर का तबादला

खबर थोड़ी अटपटी जरूर है, मगर विकसित कहलाए जानेवाले महाराष्ट्र राज्य की साख पर बट्टा लगानेवाली है। एक अफसर के तबादले के आदेश के बाद महाराष्ट्र सरकार के काम करने के तौर-तरीकों पर ही सवालिया निशान लग गया है। राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के इंस्पेक्टर संदीप साबले के तबादले का आदेश जारी किया गया था। इसे नियमित कार्रवाई कहा जा सकता है। हर विभाग के अफसरों के तबादले के आदेश निकलते हैं। संदीप साबले के मामले में अनोखी बात यह है कि उनकी मौत तीन साल पहले हो चुकी है। उनकी पत्नी ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन किया है, जिसकी फाइल सरकार के पास विचाराधीन है।

राज्य उत्पाद शुल्क विभाग में इंस्पेञ्चटर संदीप मारुति साबले के तबादले के आदेश हाल में जारी किए गए। जबकि, उनकी मौत तीन साल पहले 30 सितंबर 2013 में एक सड़क दुर्घटना में हो चुकी थी। शिरोली ग्राम पंचायत ने उनका डेथ सर्टिफिकेट जारी किया। उस समय वे कोल्हापुर के दौलत सहकारी चीनी मिल में कार्यरत थे। अब तीन साल बाद तबादला आदेश में सरकार ने उन्हें नासिक जिले के सटाणा में विजिलेंस विभाग के फ्लाइंग स्क्वायड में तुरंत प्रभाव से पदभार ग्रहण करने को कहा है। संदीप साबले के तबादले के आदेश पर ज्वॉइंट कमिश्नर (प्रशासन) तनुजा दांडेकर के हस्ताक्षर हैं। उन्हें जारी पत्र में न सिर्फ तुरंत पदभार ग्रहण करने को कहा गया है। बल्कि, यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर तुरंत पदभार ग्रहण नहीं किया तो 30 जून 2016 के बाद तनख्वाह रोक दी जाएगी। इतना ही नहीं, इस बात के लिए भी चेताया गया है कि तबादला रोकने के लिए किसी भी तरह का दबाव डलवाया या रियायत मांगने की कोशिश की तो इसे अनुशासन हीनता माना जाएगा और समुचित कार्रवाई की जाएगी।

दूसरी ओर, नासिक जिले के सटाणा में राज्य उत्पाद शुल्क के अफसर संदीप साबले के ज्वॉइन करने के इंतजार में बैठे थे। संदीप साबले नहीं पहुंचे तो अफसरों में कई तरह की चर्चा शुरू हो गई। उनका तबादला जिस विभाग में किया गया, उसे क्रीम पोस्टिंग माना जाता है। इस तरह की पोस्टिंग के लिए अफसर खूब लॉबिंग करते हैं। लिहाजा ऐसी जगह ज्वाइन करने के लिए जब साबले नहीं पहुंचे तो लोगों ने पूछताछ शुरू कर दी। तब जाकर सारा मामला सामने आया।

समूचे प्रकरण पर आउटलुक ने संदीप साबले की पत्नी वर्षा से बात की। उन्होंने कहा, `मेरा घर पति की कमाई पर चलता था। दो बच्चे हैं। तीन बरसों में सब कुछ छिन गया। पूरा परिवार अब आर्थिक तंगहाली में है। चूंकि संदीप की मौत ड्यूटी के वक्त हुई थी, इसलिए मैंने अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए अर्जी दी। लेकिन सरकार ने हमारी कोई सुध नहीं ली। अब उनके तबादले का आदेश जरूर आ गया।Ó संदीप की पत्नी को आशा है कि कम से कम इस घटना के सामने आने के बाद ही सही उन्हे कोई सरकारी नौकरी मिल जाएगी और उनका गुजारा हो सकेगा। वे बीए तक पढ़ी हैं और उन्होने टाइपिंग भी सीखी है।

राज्य में भाजपा-शिवसेना की सरकार आने के बाद मुक्चयमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया था कि उनकी सरकार पूर्ण पारदर्शिता से कामकाज करेगी। भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिस विभाग ने संदीप साबले के तबादले का आदेश निकाला है, उस राज्य उत्पाद शुल्क विभाग का जिम्मा देवेंद्र फडणवीस के पास ही है। उनसे पहले इस विभाग का जिम्मा पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से के पास था, लेकिन उनके इस्तीफे के बाद देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रालय का जिक्वमा अपने पास रख लिया।

राज्य में मानसून सत्र चल रहा है, लिहाजा इस खबर के सामने आते ही विपक्ष ने इस खबर पर फडणवीस सरकार की जम कर खिंचाई की। पूर्व मुक्चयमंत्री और कांग्रेस नेता नारायण राणे ने फडणवीस पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'जो व्यक्ति पहले ही इंद्र की सभा में पहुंच चुका हो, वह भला देवेंद्र की सभा में कैसे पहुंच पाएगा।Ó इस खबर के बाद सरकार और प्रशासन तुरंत हरकत में आ गए और जांच के बाद आनन फानन में कोल्हापुर जिला सुपरिटेडेंट ऑफिस के एक क्लर्क को अफसरों की जानकारी का ब्यौरा न रखने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। साथ ही कोल्हापुर के सुपरिटेंडेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। अब सरकार और प्रशासन मामले की लीपापोती में लगे हुए हैं।

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