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नोएडा पुलिस का नोटिस, पार्क में नमाज पढ़ने से कर्मचारियों को रोकें कंपनियां

दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 58 में पार्क में नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी गई है। एक शिकायत...
नोएडा पुलिस का नोटिस, पार्क में नमाज पढ़ने से कर्मचारियों को रोकें कंपनियां

दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 58 में पार्क में नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी गई है। एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए नोएडा सेक्टर 58 की पुलिस चौकी अधिकारी ने यहां स्थित कंपनियों को आदेश जारी किया है कि यहां के पार्क में किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं है, जिसमें शुक्रवार को अदा की जाने वाली नमाज भी शामिल है। पुलिस ने अपने आदेश में कहा है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को इस आदेश के बारे में सूचित कर दें। अगर दोबारा कोई व्यक्ति पार्क में नमाज पढ़ता हुआ पाया गया, तो इसकी जिम्मेदारी कंपनी की होगी।

की गई थी शिकायत

यह पार्क अथॉरिटी का है। बताया जा रहा है कि यहां 10-15 लोग नमाज पढ़ने आते हैं लेकिन जब करीब 200 लोग नमाज पढ़ने आए तो यहां घूमने वाले लोगों ने पुलिस में शिकायत कर दी। नमाज पढ़ने वाले लोगों ने सिटी मजिस्ट्रेट से भी इजाजत मांगी, लेकिन इजाजत नहीं मिली थी। स्थानीय पुलिस का कहना है कि पार्क के आसपास मौजूद कंपनियों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। उनकी कंपनी में मौजूद मुस्लिम लोगों के लिए नमाज अदा करने के लिए जगह मुहैया कराई जाए और ये भी सूचना दे दें कि खुले पार्क में नमाज अदा ना करें।

आदेश पर विवाद होने के बाद नोएडा पुलिस का कहना है कि यह एक शिकायत पर लिया गया फैसला है, इससे किसी को कोई परेशानी नहीं है। इलाके में शांति का माहौल है। दरअसल, पार्क में किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि पर रोक है। इसमें नमाज या किसी तरह का जागरण भी शामिल है।

शुरू हुई राजनीतिक बयानबाजी

इस आदेश पर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा कि इस मुद्दे को राजनीति से नहीं जोड़कर देखना चाहिए। स्थानीय प्रशासन ने एक शिकायत पर ये फैसला लिया है, ये लॉ एंड ऑर्डर का मसला है।

वहीं समाजवादी प्रवक्ता सुनील यादव ने कहा कि हम कंपनियों से अपील करते हैं कि वह मुस्लिम कर्मचारियों के लिए नमाज पढ़ने के लिए जगह मुहैया कराए। अगर ऐसा नहीं हो सकता तो कुछ समय का ब्रेक दिया जाए ताकि मस्जिद जाकर नमाज पढ़ सकें।

इससे पहले भी हरियाणा के गुरुग्राम में खुले में नमाज पर इसी तरह का आदेश जारी किया गया था। इसके अलावा कुछ हिंदू संगठनों ने भी खुले में नमाज़ पढ़ जाने का विरोध किया था।

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