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घरेलू विवाद में हुई थी एनआईए अधिकारी की हत्या, दो गिरफ्तार

एनआईए अधिकारी तंजील अहमद की हत्या के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने मामले की गुत्थी सुलझा लेने का दावा किया है। यूपी पुलिस ने दावा किया है कि घरेलू विवाद की वजह से अहमद की हत्या की गई।
घरेलू विवाद में हुई थी एनआईए अधिकारी की हत्या, दो गिरफ्तार

राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक को सकते में डाल देने वाले एनआईए अधिकारी तंजील अहमद की हत्या के पीछे की वजहों का खुलासा हो गया है। बरेली क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार मीणा ने मंगलवार को बिजनौर में बताया कि इस हत्या मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए दो लोगों में से एक अहमद का रिश्तेदार रेहान है। मीणा ने बताया कि मुनीर नाम का शख्स मामले का कथित मास्टरमाइंड है और वह अभी भी फरार है। उन्होंने कहा कि उसे भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

 

ब्यौरा देते हुए आईजी ने कहा कि दो और तीन अप्रैल की दरम्यानी रात दिल्ली से करीब 150 किलोमीटर दूर बिजनौर जिले के एक गांव में अपनी भांजी की शादी में शिरकत के बाद तंजील अपनी पत्नी और बच्चों के साथ पड़ोस के ही सहसपुर गांव लौट रहे थे। हमलावर सहसपुर गांव में अपनी मोटरसाइकिल अहमद की कार से आगे ले आए और मुनीर ने कथित तौर पर एनआईए अधिकारी पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई जिससे उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस गोलीबारी में अहमद की पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं, लेकिन उनके दोनों बच्चे बाल-बाल बच गए। हत्यारों ने अहमद को 24 और उनकी पत्नी फरजाना को चार गोलियां मारी थीं। जिस वक्त गोलीबारी चल रही थी उस वक्त अहमद की 14 साल की बेटी और 12 साल का बेटा कार की पिछली सीट से इस वारदात को देख रहे थे।

 

रेहान के साथ उसके साथी जैनुल को भी गिरफ्तार किया गया है। अपराध की मंशा के बाबत आईजी ने बताया कि घरेलू विवाद, पारिवारिक मामलों और संपत्ति में साझेदारी के मसलों की वजह से इस वारदात को अंजाम दिया गया। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने आरोपियों की गिरफ्तारी में मदद करने वालों को इनाम के तौर पर 50,000 रूपए देने का ऐलान किया है। शुरूआत में पुलिस अहमद की हत्या को सुनियोजित हमला बता रही थी और आतंक के पहलू की संभावना से इनकार नहीं कर रही थी। सीमा सुरक्षा बल में सहायक कमांडेंट रहे अहमद फरवरी 2009 में एनआईए की स्थापना के समय से ही इस जांच एजेंसी में प्रतिनियुक्ति पर तैनात थे। वह कई आतंकवादी हमलों की जांच टीम में शामिल थे।

 

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