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मिजोरम के ब्रू शरणार्थी मामले की विधानसभा में गूंज

मिजोरम के मुख्यमंत्री लाल थान्हवला ने कहा कि राज्य सरकार त्रिपुरा के राहत शिविरों में रह रहे उन ब्रू शरणार्थियों की वापसी का स्वागत करेगी जो राज्य के प्रामाणिक निवासी हैं।
मिजोरम के ब्रू शरणार्थी मामले की विधानसभा में गूंज

राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान ब्रू वापसी पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए लाल थान्हवला ने कहा कि ब्रू समुदाय के कई लोग अपनी मर्जी से राज्य छोड़कर गए। क्योंकि उस समुदाय के कुछ लोग अभी भी राज्य में रह रहे हैं और उन्होंने ब्रू चरमपंथियों द्वारा धमकाए जाने के बाद भी राज्य छोड़कर जाने से मना कर दिया था।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वे कभी भी ब्रू समेत किसी भी समुदाय के लिए अलग स्वायत्ता जिला परिषद बनाने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने यह बयान तब दिया जब राज्य के गृहमंत्री आर लालजीरलियाना ने कहा कि ब्रू लोगों ने राज्य में ऐसी ही एक परिषद के गठन के लिए उच्चतम न्यायालय में दलील थी। लालजीरलियाना ने कहा कि तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने मिजोरम सरकार और यहां के लोगों के खिलाफ आरोप लगाया था कि हिंदू धर्म को मानने के कारण ब्रू समुदाय को मिजो समुदाय ने सताया है।

उन्होंने कहा,  मैंने आडवाणी को जवाब दिया था कि ब्रू कभी भी हिंदू नहीं थे और वे मूल रूप से जीववादी थे और उनमें से अधिकांश लोग ईसाई में तब्दील हो गए थे।

उन्होंने कहा कि यह आरोप लगाया था कि मिजोरम में 28 हिंदू मंदिरों को जला दिया गया, यह बिलकुल झूठ था क्योंकि ब्रू बहुल क्षेत्रों में ऐसा कोई हिंदू मंदिर कभी था ही नहीं।

गृहमंत्री ने बताया कि मिजोरम सरकार के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है कि दो से 23 नवंबर 2016 के बीच त्रिपुरा के छह राहत शिविरों में 5,407 ब्रू परिवारों की मिजोरम के मूल निवासी के तौर पर पहचान की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि राहत शिविरों में रह रहे ब्रू समुदाय के 10,763 लोगों का नाम मिजोरम की मतदाता सूची में शामिल किया गया है।

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