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युवक को जीप से बांधने पर बोले मेजर गोगोई- ऐसा कर बचाई कई लोगों की जान

कश्मीर में युवक को जीप से बांधकर घुमाने वाले मेजर लिथुल गोगोई ने कहा है कि अगर ऐसा न किया होता तो कश्मीर में उस दिन कई लोगों की जानें जा सकती थी। सेना ने हाल ही में मेजर लिथुल गोगोई को सम्मानित किया है।
युवक को जीप से बांधने पर बोले मेजर गोगोई- ऐसा कर बचाई कई लोगों की जान

उधर पत्थरबाजी से निपटने के लिए जिस युवक को जीप से बांधकर मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया गया है, उसका कहना है ऐसा करना भला कौनसा बहादुरी का काम है।

कश्मीर में पत्थरबाजो से निपटने के लिए युवक को जीप से बांधकर घुमाने के बाद चर्चा में आए मेजर लिथुल गोगोई पहली बार मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि अगर उस दिन वे ऐसा न करते तो वहां कई लोगों की जान जा सकती थी। मेजर लिथुआन को हाल ही में चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ प्रशस्ति पत्र दिया गया है।

आखिर क्या हुआ था उस दिन

मेजर गोगोई के मुताबिक उस दिन यानि 9 अप्रैल को गुंडीपुरा में करीब 1200 लोगों की भीड़ ने एक मतदान केंद्र को  घेर रखा था। भीड़ मतदान केंद्र को पेट्रोल बमों से जलाने की कोशिश कर रही थी। लोग सेना के दल पर पत्थरबाजी कर रहे थे। जिस युवक को जीप से बांधा गया था, वहीं वहां लोगों को पत्थरबाजी के लिए उकसा रहा था। इसलिए जैसे ही उसे पकड़ा तो पत्थरबाजी शांत हो गई। फिर वहां से सुरक्षित निकलने के लिए और पत्थरबाजी कर रहे लोगों को हतोत्साहित करने के लिए युवक को जीप से बांधकर घुमाया गया।

जांच पर सवाल

उधर मेजर गोगोई को सम्मानित करने के बाद पीड़ति युवक फारूख अहमद डार निराश है। उसका कहना है कि जीप से बांधकर किसी व्यक्ति को 28 किलोमीटर तक घुमाना कहा की बहादुरी है। उसका कहना है कि इस घटना को लेकर जो जांच चल रही है, वह महज एक दिखावा भर है।

 

 

 

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