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अन्ना हजारे ने खत्म किया अनशन, सीएम फडणवीस ने लोकपाल बिल का दिया आश्वासन

लोकपाल और लोकायुक्‍त की मांग को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे का अनशन मंगलवार को खत्म हो गया। आश्वासन के...
अन्ना हजारे ने खत्म किया अनशन, सीएम फडणवीस ने लोकपाल बिल का दिया आश्वासन

लोकपाल और लोकायुक्‍त की मांग को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे का अनशन मंगलवार को खत्म हो गया। आश्वासन के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अनशन तुड़वाया। रालेगण सिद्धि गांव में अनशन पर बैठे हजारे से मंगलवार को कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री सुभाष भामरे और देवेंद्र फडणवीस ने मुलाकात की। 31 जनवरी से अनशन पर बैठे हजारे से पहली बार किसी नेता ने मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने अपना अनशन खत्म कर दिया।

अगले सत्र में सरकार लाएगी बिल: फडणवीस

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अन्ना हजारे की मांगों पर सराकात्मक तरीके से विचार किया जाएगा। लोकायुक्त कानून से देश को नया रास्ता मिलेगा। इससे छोटे इलाके में भ्रष्ट्राचार रुकेगा। इसके बाद अन्ना हजारे अनशन खत्म करने पर सहमत हो गए। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने तय किया है कि लोकपाल सर्च कमेटी 13 फरवरी को बैठक करेगी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाएगा। एक संयुक्‍त कमेटी का गठन किया गया है, यह एक बिल तैयार करेगी और इसे अगले सत्र में लाया जाएगा।

पहले कई लोगों ने की मुलाकात

इससे पहले सोमवार को केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ भी उनकी बैठक हुई थी। हालांकि, ये मुलाकातें बेअसर नजर आईं, क्योंकि अन्ना हजारे से साफ तौर पर कहा था कि वे अपनी भूख हड़ताल फिलहाल खत्म करने वाले नहीं हैं। 81 वर्षीय अन्ना हजारे 30 जनवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

सोमवार को केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे और राज्य के जल संरक्षण मंत्री गिरीश महाजन ने हजारे से मुलाकात की और उनसे आंदोलन खत्म करने का अनुरोध किया। 

इससे पहले अन्ना हजारे ने कहा था, 'राज्य सरकार दावा करती रही है कि मेरी 90 फीसद मांगों के साथ सहमति व्यक्त की गई है। क्या मैं मूर्ख हूं, जो 90 फीसद मांगों को पूरा हो जाने के बाद भी उपवास करूंगा? सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने आगे कहा, 'यह वही राजनीतिक लोग हैं, जिन्होंने मेरी साथ लोकपाल की लड़ाई लड़ी, मेरे आंदोलन से लाभान्वित हुए और सत्ता में आए। अब यह लोग लोकपाल के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। मैं तब तक अपना अनशन जारी रखूंगा, जब तक सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।'

अन्ना में समर्थन में उतरीं शिवसेना-मनसे

इस बीच शिवसेना हजारे के समर्थन में सामने आई और कहा कि सरकार को एक बुजुर्ग इंसान के जीवन के साथ नहीं खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बयान में कहा कि उपवास के बजाय, हजारे को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आंदोलन का नेतृत्व करना चाहिए और उनकी पार्टी पूरी ईमानदारी के साथ उनका समर्थन करेगी। उधर, मनसे भी हजारे के समर्थन में उतर आई है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को हजारे से मुलाकात भी की। बैठक के बाद राज ने कहा कि हजारे को अपना उपवास खत्म कर देना चाहिए और इसके बजाय भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने उनसे कहा कि इन लोगों के लिए अपनी जान जोखिम में न डालें।

फडणवीस का शिवसेना पर पलटवार

इस बीच शिवसेना पर फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा, ' हजारे को समझना चाहिए कि कुछ राजनेता अपने राजनीतिक लाभ के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ साल पहले तक जो लोग उनकी आलोचना कर रहे थे, वे अपने राजनीतिक लाभ के लिए अब उनका समर्थन कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि अन्नाजी इन रणनीति के शिकार नहीं होंगे।'

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