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9 साल बाद किरोड़ी लाल मीणा की राजस्थान भाजपा में वापसी

- राम गोपाल जाट किरोड़ी लाल मीणा ने राजपा के बाकी तीन विधायक साथियों के साथ शनिवार 3:15 बजे भारतीय जनता...
9 साल बाद किरोड़ी लाल मीणा की  राजस्थान भाजपा में वापसी

- राम गोपाल जाट

किरोड़ी लाल मीणा ने राजपा के बाकी तीन विधायक साथियों के साथ शनिवार 3:15 बजे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली।

बताया जा रहा है कि किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को बीजेपी की तरफ से राज्यसभा में भेजा जा रहा है। हालांकि अभी तक जगमोहन मीणा के नाम की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन बीजेपी आलाकमान की तरफ से उनके नाम को लेकर फाइनल कर दिया गया है।

2008 में छोड़ी थी पार्टी

आपको बताते हैं कि किरोड़ी लाल मीणा ने साल 2008 में तब बीजेपी छोड़ दी थी, जब उनके वह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच सियासी सम्बन्धों में खटास पैदा हो गई थी। तब राज्य में गुर्जर आंदोलन चल रहा था और किरोड़ी लाल मीणा ने अपने मीणा समाज को समर्थन देते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।

किरोड़ी लाल मीणा के साथ उनके साथी विधायक गीता वर्मा, पत्नी गोलमा देवी, देवी और नवीन पिलाया ने भी बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली। गौरतलब है कि 23 मार्च को होने वाले राज्यसभा की 3 सीटों पर बीजेपी के वर्तमान सांसद भूपेंद्र सिंह यादव व जगमोहन मीणा के साथ एक अन्य को बीजेपी द्वारा राज्यसभा भेजने पर विचार कर रही है। कांग्रेस इस बार अपना उम्मीदवार नहीं उतार रही है।

वसुंधरा सरकार में थे मंत्री

साल 2007 में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार में किरोड़ी लाल मीणा खाद्य मंत्री हुआ करते थे, लेकिन राज्य में भड़के गुजर आंदोलन के दौरान दोनों के बीच खटास पैदा हो गई और किरोड़ी लाल मीणा ने पार्टी छोड़ दी थी। साल 2008 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। मीणा और उनकी पत्नी गोलमा देवी विधायक ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार में अशोक गहलोत को समर्थन दिया और गोलमा देवी राज्य मंत्री बने।

2013 में राजपा में शामिल

इसके बाद साल 2013 में उन्होंने राजपा जॉइन कर ली। राजपा की तरफ से राजस्थान के सभी 200 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए, लेकिन पार्टी को केवल 4 सीटों पर कामयाबी मिली। तब से किरोड़ी लाल मीणा बीजेपी में वापसी के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं होने के कारण रुकावट आ रही थी। अब क्योंकि इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं तो मीणा वोटर्स को लुभाने के लिए बीजेपी ने किरोड़ी लाल मीणा को फिर से पार्टी में ले लिया है।

बताया जा रहा है कि किरोड़ी लाल मीणा को उनकी पत्नी, वर्तमान विधायक गीता मीणा और नवीन पिलानिया के साथ विधानसभा में टिकट दिया जाएगा। जबकि राज्यसभा में उनके भाई जगमोहन मीणा को भेजा जा रहा है। ऐसे में वैचारिक रूप से उनके साथ रहे बीजेपी के ही नेता घनश्याम तिवाड़ी के कमजोर पड़ने की संभावना है। लेकिन पार्टी में उनके अच्छे संबंध अच्छे नहीं होने के कारण वह मध्यस्ता कर बीजेपी में घनश्याम तिवाड़ी का खोया रुतवा वापस हासिल करवाने में मदद कर सकते हैं।

बता दें कि बीजेपी के विधायक घनश्याम तिवाड़ी और किरोड़ी लाल मीणा ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार की तीखी आलोचना की थी। हालांकि किरोड़ी लाल मीणा पर कुछ FIR होने के कारण वह कमजोर पड़ गए और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर पार्टी में वापसी के लिए प्रयास कर रहे थे। मगर राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ उनकी पटरी नहीं बैठने के कारण उनकी वापसी नहीं हो रही थी।

किरोड़ी लाल मीणा के बीजेपी में शामिल होने से निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल के भी पार्टी में फिर से लौटने की संभावनाओं को बल मिला है आपको बता दें कि हनुमान बेनीवाल सियासत में किरोड़ी लाल मीणा को अपना गुरु मानते हैं और सभी छोटी-बड़ी रैलियों में उनका सहयोग लेते हैं। किसी भी निर्णय के लिए किरोड़ी लाल मीणा से राय लेकर ही हनुमान बेनीवाल आगे कदम उठाते हैं। इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलने के रूप में हनुमान बेनीवाल की फिर से वापसी हो सकती है। बेनीवाल भी कभी भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ उनके संबंध बिगड़ने के कारण उन्होंने साल 2007 में पार्टी छोड़ दी थी।

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