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अब मुजफ्फनगर, जींद और करनाल तक एनसीआर

यूपी का मुजफ्फरनगर और हरियाणा के जींद और करनाल जिले भी अब एनसीआर में शामिल हो गए हैं। लेकिन एनसीआर में शामिल कुल 22 जिलों में दिल्‍ली जैसी सुविधाएं पहुंचना अभी दूर की कौड़ी है।
अब मुजफ्फनगर, जींद और करनाल तक एनसीआर

नई दिल्‍ली। राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का दायर अब मुजफ्फनगर, जींद और करनाल तक फैल गया है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने इन तीन जिलों को एनसीआर में शामिल करने का ऐलान किया है। नायडू की अध्‍यक्षता में हुई एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में आज इस फैसले को मंजूरी दी गई। दिल्‍ली में तेजी से बढ़ती आबादी को देखते हुए आसपास के कई जिलों को एनसीआर में शामिल करने का मांग उठ रही थी, जिसे देखते हुए तीन नए जिलों को एनसीआर में शामिल किया गया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि एनसीआर में शामिल होने से क्‍या वाकई इन जिलों की सूरत बदलेगी या फिर एनसीआर के नाम पर सिर्फ प्रॉपर्टी के दाम? 

एनसीआर में पहले ही हरियाणा, राजस्‍थान और उत्तर प्रदेश के कई जिले शामिल हैं। अब तीन नए जिले शामिल होने के बाद दिल्ली के अलावा एनसीआर में कुल 22 जिले हो गए हैं। यूपी सरकार मथुरा सहित 5 और जिलों को एनसीआर में शामिल कराना चाहती थी, लेकिन सिर्फ मुजफ्फरनगर को ही मंजूरी मिल पाई है। इससे पहले यूपीए सरकार के समय एनसीआर का दायरा बढ़ाकर राजस्‍थान के अलवर और भरतपुर तक किया गया था।वेंकैया नायडू ने बताया कि मथुरा के बारे में राज्य सरकार ने अपना पक्ष नहीं रखा है। इस पर आगे विचार के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
 
एनसीआर में आने से क्‍या फायदा होगा

एनसीआर में शामिल होने के बाद विकास कार्यों के लिए प्लानिंग बोर्ड से सस्ती दरों पर फंड मिलता है। इसके अलावा केंद्र की भागीदारी में कई विकास योजनाएं जैसे रैपिड रेल भी इन जिलों में चलाई जा सकती हैं। लेकिन अतीत पर नजर डालें तो गुडगांव, फरीदाबाद और नोएडा जैसे जिलों को छोड़कर एनसीआर के बाकी जिलों में विकास की रफ्तार बेहद सुस्‍त रही है। एनसीआर प्‍लानिंग बोर्ड के फंड का इस्‍तेमाल करने में यूपी के बजाय हरियाणा के जिले आगे हैं। राजधानी पर जनसंख्‍या के बढ़ते दबाव को रोक पाने में भी एनसीआर प्‍लानिंग बोर्ड खास कामयाब नहीं रहा है। 

 

बार-बार बढ़ता रहा एनसीआर का दायरा 

दरअसल, राजनीतिक कारणों से बार-बार एनसीआर का दायरा तो बढ़ता है लेकिन इन नए जिलों में न तो दिल्‍ली जैसी सुविधाएं हैं और न ही इनका दिल्‍ली से संपर्क बेहतर हुआ है। हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तो करीब-करीब आधे हरियाणा को एनसीआर में शामिल करवा दिया था। अब जींद और करनाल के साथ हरियाणा के कुल 21 में से 13 जिले एनसीआर में आ गए हैं। एनसीआर में शामिल होने के बावजूद अभी तक यूपी, दिल्‍ली, हरियाणा और राजस्‍थान के इन जिलों के बीच वाहनों की आवाजाही तक आसान नहीं हो पाई है। पिछले कई वर्षों से एनसीआर में रीजनल रेल ट्रांजिस्‍ट सिस्‍टम यानी आरआरटीएस के पांच कॉरिडोर बनाने की बात चल रही है। लेकिन यह योजना में भी कई पेच है। 

 
आधे से ज्‍यादा हरियाणा एनसीआर में 
जींद और करनाल के शामिल होने के बाद हरियाणा के 13 जिले एनसीआर में शामिल हो गए हैं। यूपी के मुजफ्फरनगर समेत सात जिले एनसीआर में हैं जबकि राजस्‍थान के अलवर और भरतपुर भी एनसीआर का हिस्‍सा हैं। इस तरह दिल्‍ली के करीब 200 किलोमीटर तक के इलाके अब एनसीआर के दायरे में होंगे। यूपी सरकार तो हाथरस और अलीगढ़ को भी एनसीआर में लाना चाहती थी। 
 

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