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हरियाणा: विधेयक पारित, जाटों समेत पांच अन्य जातियों को आरक्षण

हरियाणा विधानसभा ने आज सर्वसम्मति से जाटों और पांच अन्य समुदायों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण प्रदान करने से संबंधित विधेयक को पारित कर दिया। यह विधेयक जाट समुदाय द्वारा दी गई 3 अप्रैल की समय-सीमा से पहले पारित किया गया है। समुदाय ने पिछले महीने हिंसक आंदोलन छेड़ दिया था।
हरियाणा: विधेयक पारित, जाटों समेत पांच अन्य जातियों को आरक्षण

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में आज हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवाओं में आरक्षण और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला) विधेयक, 2016 और हरियाणा पिछड़ा वर्ग समुदाय आयोग विधेयक, 2016 नाम से दो विधेयक पेश किया जिसे सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवाओं में आरक्षण और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला) विधेयक, 2016 में पिछड़ा वर्ग ब्लॉक ए, पिछड़ा वर्ग ब्लॉक बी और पिछड़ा वर्ग ब्लॉक सी को वैधानिक दर्जा देने का प्रावधान है। हरियाणा सरकार केंद्र सरकार से अनुरोध करेगी कि वह इस अधिनियम को संविधान के अनुच्छेद 31 बी के साथ पढ़ते हुए नवीं अनुसूची में डाले। हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग विधेयक, 2016 में 24 वर्षों के अंतराल के बाद हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग को वैधानिक दर्जा देने और एक स्थायी तंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव है।

 

विधेयक में जाटों और पांच अन्य जातियों जाट सिख, रोर, बिश्नोई, त्यागी और मुल्ला जाट, मुस्लिम जाट को पिछड़ा वर्ग श्रेणी में नया वर्ग ब्लॉक सी बनाकर आरक्षण देने का प्रस्ताव है। विधेयक में जाटों और पांच अन्य जातियों को सरकार और सरकार समर्थित शैक्षणिक संस्थानों और तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी, प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में बीसी सी श्रेणी में 6 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव है। बीसी ए और बीसी बी श्रेणी मामले में आरक्षण को प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में क्रमश: 10 से बढ़ाकर 11 फीसदी तथा 5 से बढ़ाकर 6 फीसदी करने का प्रावधान है। आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों (ईबीपी) के लिए प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में आरक्षण 5 से बढ़ाकर 7 फीसदी करने का प्रावधान किया गया है।

 

विधेयक में कहा गया है कि इस अधिनियम में कोई भी प्रावधान होने के बावजूद राज्य सरकार ऐसी श्रेणी या श्रेणियों को पिछड़ा वर्ग में जरूरत पड़ने पर समय-समय पर क्षैतिज आरक्षण प्रदान कर सकती है। जाट नेता मौजूदा पिछड़ा वर्ग श्रेणी में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग श्रेणी को दो भागों बीसी ए और बीसी बी में बांट दिया गया है और उसके लिए क्रमश: 16 और 11 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। बीसी ए और बीसी बी श्रेणियों में फिलहाल क्रमश: 71 और 6 जातियां आरक्षण का लाभ ले रही हैं।

 

विपक्षी कांग्रेस ने जाटों के लिए आरक्षण का समर्थन किया था। पार्टी के 15 विधायक हैं। हालांकि पार्टी ने आज विधानसभा के सत्रा का बहिष्कार किया। वे अपने तीन विधायकों के निलंबन को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इन विधायकों को राज्यपाल के अभिभाषण की प्रतियां फाड़ने के बाद छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। बता दें कि जाटों ने 18 मार्च को फिर से अपना आंदोलन शुरू करने की धमकी दी थी लेकिन भाजपा सरकार के मौजूदा बजट सत्र में जाटों को आरक्षण देने संबंधी विधेयक पेश करने का आश्वासन देने के बाद उन्होंने तीन अप्रैल तक आंदोलन स्थगित कर दिया था।

 

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