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छत्तीसगढ़ में आयकर के छापे, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी निशाने पर

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गुरुवार सुबह आयकर विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग की टीम ने...
छत्तीसगढ़ में आयकर के छापे, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी निशाने पर

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गुरुवार सुबह आयकर विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग की टीम ने रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, उनके भाई अनवर ढेबर सहित पूर्व मुख्य सचिव और रेरा चेयरमैन विवेक ढांढ, राज्य के उद्योग संचालक अनिल टुटेजा की पत्नी मीनाक्षी टुटेजा सहित अन्य अधिकारियों और कारोबारियों के ठिकानों पर छापा मारा है। महापौर के होटलों पर भी कार्रवाई की जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के प्रमुख सचिव भी निशाने पर

ढेबर, ढांड और टुटेजा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का काफी करीबी माना जाता है। कल ही राज्य की जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। ऐसे में आयकर  छापे को उस कार्रवाई से भी जोड़कर देखा जा रहा है।  आयकर और ईडी की टीम ने स्थानीय पुलिस की जगह सीआरपीएफ के जवानों के साथ छापे की कार्रवाई जे लिए पहुंची।

आयकर की केंद्र टीम कर रही है जांच

विभाग सभी जगहों से आय व्यय का लेखा-जोखा जुटा रही है। टीम को यहां बड़ी टैक्स चोरी की आशंका है। कार्रवाई में 200 से ज्यादा सीआरपीएफ के जवान शामिल हैं। रायपुर के महापौर एजाज ढेबर को प्रदेश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का करीबी माना जाता है। विभाग की टीम रायपुर में संचालित ढेबर के होटल सहित प्लाजा में जांच करने के लिए पहुंची है।

ढेबर के कारोबार से संबंधित दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार महापौर एजाज के छह से ज्यादा ठिकानों के अलावा लगभग एक दर्जन स्थानों पर कार्रवाई की जा रही है। आयकर की केंद्र टीम जांच कर रही है। वहीं आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, शराब कारोबारी पप्पू भाटिया, गुरुचरण सिंह होरा, पप्पू फरिश्ता, संजय संचेती और सीए कमलेश्वर जैन के ठिकानों पर भी आयकर की जांच चल रही है।

15 दिन से आयकर टीम डाल रही है छाप

निगम घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। पिछले 15 दिनों से आयकर की अलग-अलग टीम राज्य में जगह-जगह छापे मार रही हैं। आयकर विभाग को दवाई कारोबारी लक्ष्मी मेडिकल ने 7.50 करोड़ रुपए सरेंडर किए हैं।

विभाग की टीम ने चार दिन पहले लक्ष्मी मेडिकल के कई ठिकानों पर छापे मारे थे और कई सालों के रिकॉड खंगाले थे। तीन दिन तक चली कार्रवाई में करोड़ों की अघोषित संपत्ति का ब्यौरा मिला था। जांच के दौरान मुनाफे को कम दिखाने, कैश में ज्यादा कारोबार करने और बोगस खर्चें दिखाने की बात सामने आई थी।

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