Advertisement

उप्र में सबसे ज्यादा दागी विधायक भाजपा में

उत्तर प्रदेश के चुनाव इस बार कई मायनों में खास रहे। कई दिलचस्प बदलाव देखने को मिले तो कई सकारात्मक परिवर्तन भी हुए। एडीआर और यूपी इलेक्शन वॉच ने कुछ आंकड़े इकट्ठे किए, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण रहा, दागी उम्मीदवारों को नकारा जाना। इस बार उत्तर प्रदेश में सन 2012 की तुलना में दागी विधायकों की संख्या 24 प्रतिशत तक घटी है।
उप्र में सबसे ज्यादा दागी विधायक भाजपा में

यह आंकड़े भारतीय जनता पार्टी की पेशानी पर बल डालने के लिए काफी हैं कि सबसे ज्यादा दागी विधायक उनकी ही पार्टी में हैं। उत्तर प्रदेश में 403 विधायकों में से 143 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 107 पर मामले गंभीर हैं। भाजपा के 312 विधायकों में से 114 विधायकों पर कोई न कोई आरोप है, समाजवादी के 46 विधायकों में 14 पर आरोप के दाग हैं जबकि बहुजन समाज पार्टी के 19 विजेताओं में 5 विधायकों पर आरोप है और कांग्रेस के 7 में से 1 और निर्दलीय शत-प्रतिशत यानी तीनों विधायक दागी हैं। निर्दलीय जीते कुंड से राजा भैया, नौतनव से अमनमणि त्रिपाठी और बाबागंज से विनोद कुमार शामिल हैं। इनमें से 8 विधायक ऐसे हैं जिन पर हत्या और 34 पर हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं।

इस बीच अच्छी खबर यह है कि चुने गए 17 विधायकों ने पीएचडी तक शिक्षा प्राप्त की है। 290 विधायक स्नातक या इससे ज्यादा पढ़े हुए हैं। 25 प्रतिशत विधायक आठवीं या बाहरवीं पास हैं और सिर्फ 2 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने घोषणा पत्र में खुद को अशिक्षित लिखा है। सरस्वती के साथ लक्ष्मी का आंकड़ा भी बढ़ा है। इस बार करोड़पति विधायकों की संख्या 19 प्रतिशत तक बढ़ी है। भाजपा के पास भले ही करोड़पति विधायक (79 प्रतिशत) ज्यादा हैं लेकिन प्रतिशत के हिसाब से बहुजन समाज पार्टी के पास 95 प्रतिशत विधायक ऐसे हैं जो करोड़पति हैं। सपा के 85 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं जबकि कांग्रेस के 7 में से 5 विधायक करोड़पति की सूची में हैं। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad