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बैकफुट पर आई कर्नाटक सरकार, अब 3 दिनों तक राज्य के भीतर फंसे लोगो के लिए फ्री बस सेवा

लॉकडाउन के बीच कर्नाटक सरकार ने घर लौटने वाले लोगों के लिए अगले तीन दिन तक सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा...
बैकफुट पर आई कर्नाटक सरकार, अब 3 दिनों तक राज्य के भीतर फंसे लोगो के लिए फ्री बस सेवा

लॉकडाउन के बीच कर्नाटक सरकार ने घर लौटने वाले लोगों के लिए अगले तीन दिन तक सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा देने की घोषणा की है। रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने सूचना दी है कि आज से कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बसें राज्य के भीतर उनके जिलों में लौटने के इच्छुक प्रवासी मजदूरों सहित अन्य लोगों से कोई किराया नहीं लेंगी। यह सुविधा मंगलवार तक लागू रहेगी। यह आदेश घर लौटने वाले श्रमिकों के लिए ज्यादा टिकट शुल्क लेने के सरकार के फैसले के खिलाफ व्यापक आलोचना के बाद आया है।

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा , "आज से तीन दिनों के लिए गरीब मजदूरों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, विभिन्न जिला मुख्यालयों और राजधानी बेंगलुरु शहर से कर्नाटक में अपने मूल स्थानों की यात्रा करने वालों के लिए मुफ्त KSRTC (कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम) बस सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।"
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि रविवार से तीन दिनों तक लोगों को उनके मूल स्थानों तक पहुंचाने के लिए मुफ्त बस सेवाएं संचालित की जाएंगी। खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे उस मौके का उपयोग करें जो मंगलवार तक उपलब्ध होगा।

सामाजिक दूरी बनाये रखने की अपील

अधिकारियों ने कहा कि बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के बस स्टैंड पर सुबह 10 बजे से यहां मैजेस्टिक में बसें उपलब्ध होंगी और जनता से अनुरोध किया गया कि वे बसों में सवार होकर सामाजिक दूरी बनाए रखें। अधिकारियों ने कहा कि यात्रा के लिए पर्याप्त संख्या में बसें हैं और बस में चढ़ने से पहले आवश्यक स्वास्थ्य जांच की जाएगी। उन्होंने आगे कहा, "किसी को बीच में बस से नीचे उतरने की अनुमति नहीं दी जाएगी और सभी यात्रियों को नामित बस स्टैंड पर उतार दिया जाएगा, जहां एक बार फिर स्वास्थ्य जांच की जाएगी और क्वारेनटाइन संबंधी जानकारी दी जाएगी।"

परिवहन निगम वसूल रहा था ज्यादा किराया

इस कदम से पहले शिकायतें आईं थी कि राज्य में परिवहन निगम द्वारा लगाया गया किराया बहुत अधिक था। विपक्षी दलों सहित विभिन्न लोगों ने इसकी तीखी आलोचना की थी।  सरकार ने पहले कहा था, यात्रा करने के इच्छुक लोगों को यात्रा का खर्च वहन करना होगा, और आवश्यकता होने पर बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। शनिवार को हजारों मजदूरों ने केएसआरटीसी बसों में आने-जाने के लिए तय किए गए उच्च किराये का भुगतान करने में असमर्थता व्यक्त की थी।हालांकि, बाद में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद राज्य के भीतर KSRTC बसों से यात्रा करने वाले श्रमिकों के लिए एकल किराया शुल्क वसूलने का निर्णय लिया गया।

कांग्रेस ने की थी आलोचना

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा था कि पार्टी श्रमिकों को 'मुफ्त' यात्रा सुनिश्चित करने के लिए परिवहन निगम में 1 करोड़ रुपये का योगदान दे रही है और कहा है कि अगर सरकार चाहेगी तो और अधिक धन उपलब्ध कराया जाएगा। शिवकुमार ने ट्वीट किया, " कांग्रेस पार्टी केएसआरटीसी को 1 करोड़ रुपये का चेक देना चाहती है ताकि हमारे श्रमिक वर्ग को मुफ्त परिवहन सुनिश्चित हो सके। सरकार को हमें यह बताना चाहिए कि क्या उन्हें और जरूरत है कर्नाटक कांग्रेस उसे भी पूरा करेगी।" उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा,   "घर जाने के इच्छुक लोगों के लिए बस की सुविधा बहुत अपर्याप्त है। बस स्टैंड पर हजारों लोग भोजन और पानी के बिना पीड़ित हैं। कर्नाटक सरकार को उनके कष्टों को देखना चाहिए।"

   

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