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मध्य प्रदेश में एक जून से होने वाले किसान आंदोलन को 17 हजार डंडों से रोकेगा प्रशासन

मध्य प्रदेश में किसानों का दस दिनों तक चलने वाला आंदोलन एक जून यानी शुक्रवार से शुरू होने वाला है।...
मध्य प्रदेश में एक जून से होने वाले किसान आंदोलन को 17 हजार डंडों से रोकेगा प्रशासन

मध्य प्रदेश में किसानों का दस दिनों तक चलने वाला आंदोलन एक जून यानी शुक्रवार से शुरू होने वाला है। राज्य भर के किसान अपनी मांगों को लेकर संघर्ष के लिए पूरी तरह कमर कस चुके हैं। वहीं प्रशासन ने भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। आंदोलन रोकने के लिए तीन दर्जन जिलों में पुलिस के लिए 17 हजार डंडे, हेलमेट और बॉडी टॉली कार्बोनेट शील्ड भेजे गए हैं। आंदोलन को देखते हुए एसएएफ की 89 कंपनियों और पांच हजार जवानों को तैनात किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय ने मंदसौर आंदोलन के बाद ही डंडे, हेलमेट और बॉडी टॉली कार्बोनेट शील्ड खरीदने का मन बना लिया था। इसके लिए टेंडर अक्टूबर-नवंबर में जारी किया गया। मध्य प्रदेश की एक फर्म ने चार महीने में 40 लाख रुपये में 35 हजार डंडे सप्लाई करने का टेंडर लिया। जबकि पंजाब की कंपनी ने हेलमेट और बॉडी टॉली कार्बोनेट शील्ड के लिए सात करोड़ रुपये का टेंडर लिया।

अखिल भारतीय किसान सभा ने राज्य सरकार पर कई समझौतों से मुकरने का आरोप लगाया है। इसके खिलाफ जिलों में महापड़ाव लगाने का ऐलान किया गया है। यह भी संभावना है कि किसान इस दौरान राजधानी भोपाल के लिए कूच भी कर सकते हैं।

किसान आंदोलन की शुरुआत में एक जून से फल, दूध और सब्जी को गांवों से शहर में जाने पर रोकर लगाएंगे। छह जून को मंदसौर गोली कांड की बरसी के दिन मरने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देंगे। पिछले साल इस दिन हुई पुलिस की गोलीबारी में छह किसानों की मौत हो गई थी। किसान आठ जून को असहयोग दिवस के रूप में मनाएंगे और 10 जून को दोपहर दो बजे तक पूरा भारत बंद कराएंगे।

आंदोलन को लेकर लोगों को सब्जी और दूध के संकट का डर सता रहा है। हालांकि किसानों ने 'गांव बंद' का ऐलान किया है, लेकिन लोगों ने सब्जी और दूध अतिरिक्त मात्रा में खरीदना शुरू कर दिया है। इसकी वजह से इन वस्तुओं की कीमतों में अचानक तेजी आ गई है। छोटे किसान भी इससे कम डरे हुए नहीं है। उन्होंने पहले ही अपना सामान मंडियों में पहुंचाना शुरू कर दिया, क्योंकि पिछले साल किसानों की सब्जियां और दूध रास्ते में ही नष्ट कर दिया गया था।

आंदोलन के मद्देनजर बॉन्ड भरवाए जाने से किसानों का गुस्सा और बढ़ गय है। उन्होंने धमकी दी कि यदि प्रशासन का यही रुख रहा तो आंदोलन को और उग्र बना दिया जाएगा। किसानों का कहना है कि उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। 20-20 हजार रुपये का बॉन्ड भरवाया जा रहा है।

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