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बीदर मामले में सड़क पर उतरी कांग्रेस, हिरासत में लिए गए पूर्व सीएम सिद्धारमैया सहित कई नेता

कर्नाटक में भाजपा सरकार द्वारा पुलिस विभाग के कथित दुरुपयोग के खिलाफ शनिवार को सड़क पर प्रदर्शन के...
बीदर मामले में सड़क पर उतरी कांग्रेस, हिरासत में लिए गए पूर्व सीएम सिद्धारमैया सहित कई नेता

कर्नाटक में भाजपा सरकार द्वारा पुलिस विभाग के कथित दुरुपयोग के खिलाफ शनिवार को सड़क पर प्रदर्शन के लिए उतरे कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया सहित कर्नाटक के कई कांग्रेसी नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। ये नेता मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा के दफ्तर तक विरोध मार्च निकाल रहे थे, तभी रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोक लिया।

इस दौरान राव और बैंगलोर ग्रामीण सीट से सांसद डीके सुरेश पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स से कूदकर मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करने लगे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया और हिरासत में ले लिया।

पुलिस विभाग का दुरुपयोग करने का आरोप

राज्य में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बीजेपी और उसकी 'विभाजनकारी नीतियों' का विरोध करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने के लिए पुलिस विभाग का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। इसके खिलाफ कांग्रेस नेताओं ने मार्च निकाला। रेसकोर्स रोड पर गांधी प्रतिमा से शुरू हुए इस मार्च के कारण शहर में ट्रैफिक जाम लग गया। पुलिस ने इस मार्च में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को भी हिरासत में ले लिया। 

हमारे अधिकार छीनने का कोई हक नहीं

सिद्धारमैया ने पुलिस के इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा, 'पुलिस के पास हमें दबाने या हमारे अधिकार छीनने का कोई हक नहीं है।' उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा 'अमर्यादित और गंदी भाषा तथा देश विरोधी टिप्पणियों' के बावजूद उनके खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

क्या है मामला

दरअसल, राज्य कांग्रेस ने बीदर के एक स्कूल के खिलाफ दायर राजद्रोह के मुकदमे और इस मामले में स्कूल की हेडमिस्ट्रेस तथा एक बच्ची की मां (अब जमानत पर) की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन का आयोजन किया था। इस स्कूल में नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ बच्चों ने एक ड्रामा किया था, जिसमें कथित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल किया गया था। इसी मामले में पुलिस ने इन दोनों महिलाओं को हिरासत में लिया था। हालांकि, अब कोर्ट के आदेश के दोनों को जमानत मिल गई है।

इससे पहले 11 फरवरी को जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले को 14 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। आरोपी महिलाओं की ओर से अधिवक्ता बीटी वेंकटेश ने अपनी दलील रखते हुए कहा था कि यह एक राजनीति से प्रेरित मामला है और बीदर जैसे छोटे शहर में रहने वाली दो महिलाएं राज्य के लिए खतरा कैसे बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि नाटक में नारे लगाने से कोई अशांति नहीं पैदा हुई। 

 

 

 

 

 

 

 

 

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