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सरकारों को झुकाने के बाद अब शांत हो रहा है हरियाणा

हरियाणा में जाट समुदाय की आरक्षण की मांग की समीक्षा के लिए केंद्रीय मंत्री के अधीन एक समिति गठित करने की भाजपा की घोषणा के बाद आंदोलनकारियों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में नाकेबंदी हटानी शुरू कर दी है और हिंसाग्रस्त राज्य में जनजीवन आज फिर से सामान्य होता नजर आया। कई दिनों तक जनजीवन अस्त-व्यस्त रहने के बाद कैथल समेत कुछ शहरों में हालात सामान्य हो रहे हैं और अधिकारियों ने अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी स्थिति में आज उल्लेखनीय सुधार आने की उम्मीद व्यक्त की है। अधिकारियों ने कैथल और इसके निकटवर्ती कस्बे कलायत से कल कर्फ्यू हटा लिया।
सरकारों को झुकाने के बाद अब शांत हो रहा है हरियाणा

भाजपा ने आंदोलन कर रहे जाटों के दबाव के सामने झुकते हुए एक केंद्रीय मंत्री के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एक समिति गठित करने की कल रात घोषणा की थी जो सरकारी नौकरियों में इस समुदाय के आरक्षण की मांग पर गौर करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू की अगुवाई में समिति का गठन किया गया है जो केंद्र सरकार की नौकरियों में जाटों के लिए आरक्षण की मांग पर गौर करेगी।

इस बीच सुरक्षा बलों के मुनक नहर से जाट आंदोलनकारियों को हटा कर उस पर नियंत्रण करने के साथ ही जाट आंदोलन के कारण राज्य से दिल्ली के लिए बाधित पानी की आपूर्ति आज जल्द बहाल होने की उम्मीद है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेना की दो टुकडि़यां, सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस के कर्मियों ने तड़के करीब चार बजे नहर पर नियंत्रण कर लिया। सूत्रों ने बताया कि वहां डेरा डाले हुए सभी आंदोलनकारियों को हटा दिया गया है। हरियाणा के सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और वहां मरम्मत के कामों में जुटे हैं। त्रों ने बताया कि दिन के दौरान सामान्य जल आपूर्ति बहाल हो जानी चाहिए। हरियाणा में जाट आंदोलन के कारण पानी की आपूर्ति बाधित होने के बाद दिल्ली में जलसंकट पैदा हो गया है जिसके कारण सरकार को सोमवार को सभी स्कूलों को बंद करने और पानी के नियंत्रिण वितरण का आदेश देना पड़ा।

जाट आंदोलन के मुख्य केंद्र रोहतक में अब भी कर्फ्यू लगा हुआ है। वहां पिछले 24 घंटे के दौरान हिंसा और आगजनी की किसी घटना की सूचना नहीं मिली है। रोहतक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आज कहा, रोहतक में पिछले 24 घंटों में कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई और कल रात स्थिति शांतिपूर्ण रही। उन्होंने कहा कि हालांकि रोहतक में कुछ स्थानों पर अब भी सड़क पर नाकेबंदी है, दिन में हालात सुधरने की उम्मीद है।

रोहतक जिला प्रशासन के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा, रोहतक के बाहरी इलाकों में कुछ स्थानों पर नाकेबंदी है लेकिन शहर में हालात सामान्य है। आंदोलनकारी अपने घर लौट गए हैं। अधिकारी ने कहा,  लेकिन महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में अब भी आंदोलनकारी बैठे हुए हैं और हमें उम्मीद है कि वे भी शीघ्र अपने अपने घरों को लौट जाएंगे। जाट आंदोलन के हिंसक हो जाने के बाद रोहतक और अन्य इलाकों में सार्वजनिक और निजी सम्पत्ति को बड़ा नुकसान हुआ है। हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद रोहतक, झज्जर, जींद, हिसार, हांसी, सोनीपत और सोनीपत के गोहाना कस्बे में कर्फ्यू लगाया गया था। मुनानगर में सहानपुर-अंबाला, पोंटा साहिब-यमुनानगर, अंबाला-कैथल, सहारनपुर-पिपली-कुरक्षेत्र, जीकरपुर-परवाणू और लाडवा-शाहाबाद समेत कुछ राष्ट्रीय एवं राज्य राजर्मों से कल रात नाकाबंदी हटा दी गई। अन्य इलाकों से मिली रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली-पानीपत राष्ट्रीय राजमार्ग से सड़क नाकेबंदी हटाई जा रही है ताकि यातायात बहाल हो सके। कुरूक्षेत्र और झज्जर में भी नाकेबंदी हटा ली गई है।

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