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CM शिवराज के खिलाफ प्रदर्शन कर रही लड़कियों को किया गिरफ्तार, जेल में जबरन कराया प्रेग्नेंसी टेस्ट

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम की एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है।...
CM शिवराज के खिलाफ प्रदर्शन कर रही लड़कियों को किया गिरफ्तार, जेल में जबरन कराया प्रेग्नेंसी टेस्ट

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम की एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है। सीएम के कार्यक्रम में हंगामा करने वाली लड़कियों को गिरफ्तार कर भोपाल केन्द्रीय जेल भेजा गया। अब इनमें से एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि उनका जेल में पुरूषों के सामने ‘प्रेग्नेंसी टेस्ट' करवाया गया।

हालांकि, इस सभी लड़कियों को आज यानी शुक्रवार को जमानत मिल गई है, लेकिन जमानत मिलने के बाद एक लड़की ने जेल प्रशासन पर पुरूषों के सामने ‘प्रेग्नेंसी टेस्ट' करने का आरोप लगाया है। इस लड़की ने पहचान जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, ‘हमें पुरूषों के सामने ‘प्रेग्नेंसी टेस्ट' करवाने के लिए बाध्य किया गया।'

दरअसल, ये मामला गुरुवार को उस दौरान का है जब सीएम के कार्यक्रम में कुल नौ लड़कियों ने उनके खिलाफ हंगामा करना शुरू किया, जिसके बाद इनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए सीएम शिवराज ने उन्हें जेल भिजवा दिया। इस बीच लड़कियों ने लड़कों के सामने प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने का भी आरोप लगाया है।

पीड़ित लड़कियों ने लगाए ये आरोप-

इतना ही नहीं जेल में इन नौ लड़कियों के साथ जो कुछ हुआ वो पुलिस पर सवाल खड़ा करता है। पीड़ित लड़कियों का आरोप है कि जेल में उन्हें कैदी की तरह रखा गया, यहां तक की लड़कों के सामने प्रेग्नेंसी टेस्ट भी करवाया गया। लड़कियों ने पुलिस जवानों पर भी बदसलूकी का आरोप लगाया है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, लड़कियों ने कहा, 'सीएम शिवराज सिंह ने खुद हमसे पुलिस में महिलाओं की भर्ती में फिजिकल टेस्ट में उन्हें कद में दो सेंटीमीटर की राहत देने की बात कही थी, तो आज हमें जेल में क्यों डाल दिया गया इसमें हमारा क्या दोष है'।  

विरोध करने पर हमें चुप करा दिया गया

इतना ही नहीं लड़कियों का कहना है कि प्रेग्नेंसी टेस्ट के दौरान पुरुष जेल प्रहरी ताका-झांकी कर रहे थे। जब उन्होंने विरोध दर्ज कराया तो उन्हें चुप करा दिया गया।

पुरूषों के सामने नहीं हुए लड़कियों के टेस्ट: पुलिस अधिक्षक

इन सबके बीच, केन्द्रीय जेल भोपाल के अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि जेल मैन्युअल के अनुसार, महिलाओं को जेल में डालने से पहले ‘प्रेग्नेंसी टेस्ट' सहित कई ‘यूरिनल टेस्ट' करने पड़ते हैं। नरगावे ने कहा, ‘इन नौ लड़कियों के टेस्ट पुरूषों के सामने नहीं हुए। जो आरोप लगाया गया है वह झूठा है।'

लड़कियों की क्या थी मांग

पीड़ित लड़कियों के अनुसार, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले साल अक्टूबर में घोषणा की थी कि मध्यप्रदेश पुलिस में महिलाओं की भर्ती में फिजिकल टेस्ट में उन्हें कद में दो सेंटीमीटर की राहत दी जाएगी। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। इसलिए पिछले तीन दिन से हम शहर के यादगार-ए-शाहजहानी पार्क में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। लड़कियों का कहना है, ‘कद में छूट देने की बजाय हमें गुरुवार को जेल भेज दिया गया।'

इन नौ लड़कियों ने मुख्यमंत्री चौहान के सामने कल लाल परेड ग्राउंड में जाकर उनसे अपने इस वादे को पूरा करने की मांग की थी और हंगामा किया था। इसके लिए पुलिस ने उन्हें सीआरपीए की धारा 151 के तहत कल गिरफ्तार किया था और सब जुडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया था, जहां से उन्हें गुरुवार को ही जेल भेज दिया गया था।

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