गणतंत्र दिवस से ठीक पहले राज्य प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर के सभी 20 जिलों में शनिवार से पोस्टपेड और प्रीपेड पर 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू करने की घोषणा कर दी है। ब्रॉडबैंड सेवा भी हर शहर और कस्बे में उपलब्ध होगी, लेकिन सशर्त और पाबंदियों के साथ। कोई भी सोशल मीडिया एप्लीकेशन को नहीं चला सकेगा। फिलहाल, यह सुविधा 25 से 31 जनवरी 2020 तक रहेगी। उसके बाद समीक्षा के आधार पर इसे विस्तार देने पर फैसला लिया जा सकता है।
इससे पहले 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को जम्मू के सभी दस जिलों और कश्मीर के दो जिलों, कुपवाड़ा और बांदीपोरा में बहाल किया गया था। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर प्रशासन के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने कहा कि सभी प्री-पेड कनेक्शनों के लिए वॉयस कॉल और एसएमएस सेवाओं को बहाल कर दिया गया। 5 अगस्त को अनुच्छेद-370 निरस्त करने के बाद पूरे जम्मू और कश्मीर में दूरसंचार सेवाएं बंद कर दी गई थीं।
25 जनवरी से बहाल होगी सेवा
हालात में सुधार और हाल ही में प्रीपेड व पोस्टपेड सेवा की बहाली के बाद की स्थिति का आकलन करने के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सभी पोस्टपेड और प्रीपेड मोबाइल सिम के अलावा सभी फिक्स्ड लाइन पर इंटरनेट सुविधा बहाल करने का फैसला लिया है। यह सेवा 25 जनवरी शनिवार से बहाल होगी। जम्मू-कश्मीर गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा ने देर रात इस संदर्भ में आदेश जारी करते हुए कहा कि 14 और 18 जनवरी को लिए गए फैसलों के बाद की स्थिति के आकलन के आधार पर पाया गया है कि उनका कोई नकारात्मक असर नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था इंटरनेट सेवा बहाल करने का आदेश
जम्मू-कश्मीर में लगाए प्रतिबंधों को लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इंटरनेट का अधिकार, अभिव्यक्ति के अधिकार के तहत आता है और यह भी मूलभूत अधिकार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली सभी संस्थाओं में इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने के लिए कहा था।
नए साल की शुरुआत में की गई थी एसएमएस सुविधा बहाल
1 जनवरी से कश्मीर के सभी इलाकों में एसएमएस सुविधा बहाल कर दी गई। इसके साथ ही स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों में इंटरनेट सेवा को शुरू कर दिया गया। 5 अगस्त को अनुच्छेद-370 के हटने के बाद से घाटी में लैंडलाइन, इंटरनेट और शॉर्ट मैसेज सर्विस (एसएमएस) सुविधा बंद कर दी गई थी।
बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा जम्मू-कश्मीर से जब धारा 370 हटाई गई थी, तब से ही काफी पाबंदियां लागू की गई थीं। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं।