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जाट आंदोलन: हरियाणा में जारी रही हिंसा, मृतकों की संख्या हुई 16

हरियाणा में आरक्षण के लिए आंदोलनरत जाटों ने आज भी कई जगहों पर हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया। भीड़ ने ताजा घटनाक्रम में सुरक्षाकर्मियों पर पथराव करने के साथ ही कई सरकारी वाहनों में आग लगा दी। आंदोलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 16 तक पहुंच गई है।
जाट आंदोलन: हरियाणा में जारी रही हिंसा, मृतकों की संख्या हुई 16

हरियाणा में नौ दिनों से चल रहे जाट आंदोलन के दौरान हिंसा जारी रहने के बीच उग्र भीड़ ने आज एक सड़क से जाम हटाने का प्रयास कर रहे सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया और कई सरकारी वाहनों में आग लगा दी। दिल्ली-अंबाला राजमार्ग सहित कई सड़कों को जाम किए जाने के बीच केंद्र ने सोमवार को सुरक्षाबलों को जाम हटाने के लिए बल प्रयोग करने को कहा। केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने दिल्ली में कहा कि सुरक्षा बलों से उन सभी स्थानों को मुक्त कराने को कहा गया है जहां आंदोलनकारी बैठे हुए हैं और जिससे संचार नेटवर्क और जलापूर्ति प्रभावित हुई है।

 

इस बीच शाम को आल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर अपना धरना हटाने की घोषणा की। जाट समुदाय की आरक्षण की मांग पर एक केंद्रीय मंत्री के नेतृत्व में भाजपा के समिति गठित करने के मद्देनजर यह फैसला किया गया। सोनीपत के अलावा रोहतक, कैथल और हिसार सहित कई जिलों में हिंसा और आगजनी की ताजा घटनाएं हुई हैं। सोनीपत के उपायुक्त राजीव रतन ने बताया कि सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस के जवानों पर जिले में भीड़ ने उस समय हमला किया जब वे एक सड़क से जाम हटाने का प्रयास कर रहे थे। भीड़ ने उन पर पत्थर फेंके और लाठियों का भी प्रयोग किया। इस घटना में कुछ सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। उन्होंने कहा, हां, लोग हताहत हुए हैं, संख्या एक या तीन हो सकती है। लेकिन मैं तत्काल कोई वास्तविक संख्या नहीं बता सकता। उन्होंने जानकारी दी कि पूरे इलाके में तनाव है। सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस के अलावा सेना के करीब 150 जवानों के दो कॉलम ने सुबह करीब चार बजे मुनक नहर का नियंत्रण दिल्ली को जलापूर्ति बंद करने वाले आंदोलनकारियों से अपने कब्जे में ले लिया था। इसके कुछ घंटों के बाद यह घटना हुई।

 

आगजनी और हिंसा की ताजा घटनाओं के बाद हिसार में हांसी अनुमंडल के पांच गांवों, हिसार शहर की सीमा और कैथल में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया। जाटों और अन्य समुदाय के लोगों के बीच तनातनी के बाद जिले के पांच गांवों में कर्फ्यू लगाया गया है और हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य के वरिष्ठ मंत्री राम बिलास शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि मौजूदा जाट आंदोलन में 16 लोग मारे गए हैं। आंदोलन समाप्त करने के लिए फिर से अपील करते हुए शर्मा ने कहा कि जाट आरक्षण मुद्दे पर एक विधेयक विधानसभा के आगामी सत्र में लाया जाएगा। हालांकि उन्होंने विधेयक की रूपरेखा के बारे में कोई भी ब्यौरा देने से परहेज किया। हरियाणा सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रूपए की राहत देने की घोषणा की है। कृषि मंत्री ओ पी धनकड़ ने कहा कि इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी और निर्दोष लोगों के खिलाफ कोई मामला नहीं दर्ज किया जाएगा।

 

जाट प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को भी रोहतक, हिसार और भिवानी जिलों में कई सड़कों पर जाम लगाए रखा। हिसार से दिल्ली, चंडीगढ़, सिरसा, सिवनी और भिवानी सहित अलग अलग स्थानों को जाने वाले विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर यातायात बाधित रहा। हिसार से दिल्ली, लुधियाना, भिवानी और सादुलपुर सहित विभिन्न जगहों के लिए रेल यातायात भी स्थगित रहा। बेहद महत्वपूर्ण दिल्ली-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग को भी फिर से खोलने का प्रयास आज नाकाम रहा और आंदोलनकारियों ने पानीपत तथा दिल्ली के बीच कई स्थानों पर अवरोध खड़े कर दिए। यह सड़क दिल्ली को उत्तर भारत से जोड़ती है। इसमें जम्मू-कश्मीर और पंजाब शामिल हैं। इस बीच कैथल से भी हिंसा की खबरें आईं जहां कल रात कर्फ्यू हटा लिया गया था। लेकिन आज फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया।

 

 

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