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नेपाल में तबाही, 2 हजार से ज्यादा मौतें

नेपाल में आए शक्तिशाली भूकंप ने पूरे उत्‍तर भारत और हिमालय क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। नेपाल में आज सुबह दोबारा भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहां आई भीषण तबाही में मारने वालों का आंकड़ा 1900 तक पहुच गया है। भारत में 60 से ज्यादा लोग मारे गए है। भूकंप का असर पकिस्‍तान, चीन और बांग्लादेश तक रहा है। शुरू में में भूकंप की तीव्रता 7.5 आंकी गई थी जिसे बाद में 7.9 बताया गया है।
नेपाल में तबाही, 2 हजार से ज्यादा मौतें

नेपाल में पिछले 81 साल का सबसे भयानक भूकंप आया है। अकेले काठमांडू में ही 700 से ज्‍यादा लोग आपदा में मर चुके हैं। नेपाल भूकंप के कुल 17 घटके आए जिसमें बड़ी संख्‍या में कच्‍चे और पुराने मकान ढह गए। नेपाल में हर जगह तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। इधर, बिहार में भी भूकंप से करीब 25 लोगों की जान गई है। पश्चिम बंगाल के मालदा में स्कूल की इमारत ढहने से 40 बच्चे घायल हो गए। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भूकंप प्रभावित नेपाल की हरसंभव मदद का ऐलान किया है। नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक नौ मंजिला इमारत के गिरने से कई लोगों के मरने की आशंका है। जनकपुर में जानकी मंदिर कई प्राचीन समेत नेपाल के कई ऐतिहासिक स्‍थल तबाह हो गए हैं।  

 

रिएक्टर पैमाने पर इस भूकंप की 7.9 मापी गई है जिसका केंद्र नेपाल की राजधानी काठमांडू से 83 किलोमीटर उत्‍तर-पश्चिम में पोखरा के नजदीक लामजुंग था। भूकंप के झटके पाकिस्‍तान में लाहौर से लेकर कोलकाता, चीन और बांग्लादेश तक महसूस किए गए हैं। दिल्ली समेत उत्‍तर भारत के कई शहरों और पाकिस्‍तान, नेपाल, बांग्‍लादेश में शनिवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। सबसे पहले 11.41 बजे भूकंप आया। दूसरी बार 12.19 बजे भूकंप के झटके आए। भूकंप का केंद्र नेपाल में काठमांडू से 83 किमी दूर उत्‍तर-पश्चिम में पोखरा में था। वहां भूकंप की तीव्रता 7.5 थी। जबकि भारत में भूकंप की तीव्रता 6 बताई जा रही है। पाकिस्तान, बांग्‍लादेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करने के लिए शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। अजीत सेठ की अध्यक्षता वाली केंद्र सरकार की संकट प्रबंधन समिति हालात पर नजर रखे हुए है।

 

भूकंप से भारत में अभी तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है। बिहार में 25, यूपी में आठ और पश्चिम बंगाल में तीन लोगों के मरने की खबर है। नेपाल से सटे होने के कारण बिहार में भूकंप के सबसे ज्यादा झटके महसूस किए गए। भूकंप के कारण मोतिहारी में 4, दरभंगा में 4, सीतामढ़ी में 3, मधुबनी में 2, शिवहर में 1, आरा में 1, बेतिया में 1 और सोनपुर में 1 व्‍यक्‍ति की मौत हुई। दिल्ली में 40 मिनट के अंदर दो बार भूकंप झटके महसूस किए गए हैं। दिल्ली और उत्‍तर भारत के प्रमुख शहरों में भूकंप के कारण किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है। हालांकि, दिल्‍ली और कोलकाता में  कुछ देर के लिए मेट्रो ट्रेन सेवा जरूर प्रभावित हुई। 

 

भारतीय मौसम विभाग के आॅपरेशन्स सिस्मोलाजी के प्रमुख जे. एल. गौतम ने बताया कि भूकंप देश के पूर्व और उत्तरी हिस्सों में महसूस किया गया। विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, आज सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर अाए भूकंप की तीव्रता रिएक्‍टर स्‍केल पर  7. 5 तीव्रता मापी गई है। भूकंप के झटके दिल्ली बिहार, उत्तर प्रदेश , राजस्थान , हरियाणा, पंजाब में करीब एक मिनट तक महसूस किए गए। जिसके बाद लोगों में दहशत फैल गई और लोग अपने घरों और कार्यालयों से बाहर निकल आए। 

 

अमेरिकी एजेंसी ने बढ़ाई भूकंप की तीव्रता

अमेरिकी जियोलोजिकल सर्वे ने भूकंप की तीव्रता में संशोधन कर इसे 7.5 से बढ़ाकर 7.9 कर दिया है। एजीएस के अनुसार, यह भूकंप स्थानीय समय के अनुसार पूर्वान्ह 11 बजकर 56 मिनट पर लामजुंग में आया। यह 11 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।पुराने काठमांडो शहर में घनी आबादी रहती है जहां तंग गलियों में एक के उपर एक कई मंजिला घर बने हैं। गौरतलब है कि काठमांडू घाटी में 25 लाख लोगों की घनी आबादी रहती है और वहां मकानों की हालत खराब है।

 

मोदी ने किया कोइराला से संपर्क 
प्रधानमंत्राी कार्यालय ने ट्विट किया, प्रधानमंत्री नेपाल के प्रधानमंत्राी सुशील कोइराला से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं जो फिलहाल विदेश में हैं। उन्होंने नेपाल के राष्‍ट्रपति राम बरन यादव से बात की है। प्रधानमंत्री ने संकट की इस घड़ी में नेपाल का पूरा साथ देने का भरोसा दिलाया है। भारत से राहत-सहायता नेपाल पहुंचनी शुरू हो गई है। भूकंप के तुरंत बाद मोदी ने ट्विट किया, भारतीय अधिकारी हालात पर नज़र रखे हुए हैं। हम अधिक से अधिक जानकारी जुटा रहे हैं ताकि भारत और नेपाल में प्रभावित लोगों तक पहुंचा जा सकें। 
 
नेपाल में भारतीय दूतावास के प्रवक्ता अभय कुमार ने बताया कि भूकंप की वजह से कुछ दीवारें ध्वस्त हो गई हैं। राहत व बचाव के लिए दूतावास ने दो हेल्पलाइन शुरू की हैं। पहला हेल्पलाइन नंबर 977 98551107021 और दूसरा नंबर 977 9851135141 है।
 

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