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गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से चीनी सैनिकों की वापसी पूरी: सूत्र

सूत्रों ने कहा है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने गुरुवार को पूर्वी लद्दाख में गोगरा और हॉट...
गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से चीनी सैनिकों की वापसी पूरी: सूत्र

सूत्रों ने कहा है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने गुरुवार को पूर्वी लद्दाख में गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में अपने सैनिकों को भारतीय सेना के साथ हुई सहमति के अनुरूप अपनी सेना को पीछे खिसकाने का काम पूरा कर लिया। शीर्ष सरकारी सूत्र ने कहा कि भारतीय और चीनी सेना के बीच फ्रिक्शन प्वॉइंट पर पहले फेज़ की डिसइन्गेंजमेंट पूरी हो गई है। इसके तहत चीनी ट्रुप्स फिंगर एरिया में फिंगर 4 से फिंगर 5 की तरफ मूव किए।

उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने किसी भी टकराव की संभावना को कम करने के उद्देश्य से अस्थायी उपाय के हिस्से के रूप में गलवान घाटी, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स के तीन घर्षण बिंदुओं में तीन किलोमीटर के एक बफर क्षेत्र का निर्माण पूरा किया है।

सूत्रों के अनुसार गुरुवार को पीएलए ने गोगरा (गश्त बिंदु 17) से अपने सैनिकों को पूरी तरह से वापस ले लिया है, और इसके साथ ही, दोनों पक्षों ने किसी भी गतिरोध से बचने के लिए पहले चरण के विघटन को लागू किया है।

शीर्ष सरकारी सूत्र ने कहा, खाली जगहों को भारत और चीन द्वारा टेंपररी गैर-गश्त वाले क्षेत्र के रूप में माना जाएगा और उनके ट्रुप्स वहां नहीं जाएंगे। डिसइन्गेंजमेंट का 2राउंड एनएसए डोभाल और चीन के प्रतिनिधि के बीच स्थायी जगहों पर वापस जाने की चर्चाओं पर केंद्रित रहेगा।

उन्होंने कहा कि कार्य प्रणाली के लिए परामर्श और को-ऑर्डिनेशन के कल आयोजित होने के बाद भारत और चीनी सेनाओं के बीच कोर कमांडर-स्तरीय बातचीत आयोजित होगी।

इस बीच चीन ने कहा कि चीनी और भारतीय सैनिकों ने गलवान घाटी और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अन्य इलाकों से पीछे हटने के लिए ‘‘प्रभावी कदम’’ उठाए हैं तथा हालात ‘‘स्थिर और बेहतर’’हो रहे हैं। दोनों पक्षों में गतिरोध वाले सारे क्षेत्रों से तेजी से सैनिकों को हटाने पर सहमति बनी है।

गतिरोध को कम करने सोमवार को ये बात भी सामने आई थी कि चीन के विदेश मंत्री की भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल से रविवार को वीडियो कॉल से करीब दो घंटे तक बातचीत हुई थी। चीन के विदेश मंत्री वांग यी और एनएसए अजीत डोवल, दोनों सीमा विवाद के मामले में भारत और चीन के स्थाई प्रतिनिधि हैं। इस बातचीत के बाद दोनों देशों ने अपने-अपने बयान जारी किए, जिसका सार यही था कि दोनों देश सीमा पर शांति बनाएंगे और किसी भी प्रकार के मतभेद को विवाद बनाने से बचेंगे। बयान में कहा गया था कि दोनों देश शांति बनाने के लिए मिल जुलकर काम करेंगे और निर्धारित माध्यमों के जरिए लगातार बातचीत करेंगे।

 

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