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उन्‍नाव गैंगरेप मामले में सीबीआई ने दर्ज की चौथी FIR, जांच में आई तेजी

उन्नाव गैंगरेप मामले की जांच कर रही सीबीआई का शिकंजा अब इस कांड के दूसरे आरोपियों पर कसने जा रहा है।...
उन्‍नाव गैंगरेप मामले में सीबीआई ने दर्ज की चौथी FIR, जांच में आई तेजी

उन्नाव गैंगरेप मामले की जांच कर रही सीबीआई का शिकंजा अब इस कांड के दूसरे आरोपियों पर कसने जा रहा है। सीबीआई ने इस पूरे कांड में चौथी एफआईआर दर्ज कर ली है। वहीं, दूसरी तरफ सीबीआई ने पीड़िता के पिता के साथ हुई मारपीट के दर्ज मुकदमें की भी जांच शुरू कर दी है।

पीटीआई के मुताबिक, उन्नाव रेप कांड में पहले ही दिन जांच कर रही सीबीआई ने तीन मुकदमें दर्ज करने के बाद सोमवार देर शाम चौथा मुकदमा भी दर्ज कर लिया। जून 2017 में पीड़िता को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के मामले में सीबीआई ने चौथी एफआईआर दर्ज की है। 11 जून 2017 को हुई इस घटना में तीन लोगों को नामजद किया गया था।

बाद में पीड़िता के बयान के आधार पर इस मुकदमे में सामूहिक बलात्कार की धारा 376 डी को जोड़ते हुए नरेश तिवारी व दो अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था।

इस मामले में सीबीआई आरोपित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व शशि सिंह को दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में दर्ज केस में गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। सीबीआई तेजी से अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है। सीबीआई ने इसके अलावा पीड़ित किशोरी के पिता की हत्या व पीड़ित किशोरी पक्ष के खिलाफ मारपीट के मुकदमों में केस दर्ज किए हैं।

सीबीआई ने इस चौथी एफआईआर में शशि सिंह के बेटे शुभम सिंह को आरोपी बनाया है। शुभम सिंह, विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के ऊपर रेप कांड की दर्ज एफआईआर की सह आरोपी शशि सिंह का बेटा है। वहीं, दूसरी तरफ सोमवार को पीड़िता के कलमबंद बयान दर्ज कराने के बाद सीबीआई ने अन्य मामलों में भी जांच तेज कर दी है।

क्या है उन्नाव मामला?

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की एक युवती भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगा रही है। मामला पिछले साल 4 जून, 17 का बताया है। जब युवती की मां ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित कुछ लोगों के खिलाफ रेप की शिकायत की थी। हाल ही में जब बीते 3 अप्रैल को विधायक के भाई अतुल ने मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया, तब 8 अप्रैल (रविवार) को पीड़िता ने परिवार समेत मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। 9 अप्रैल को पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। अब इस मामले में विधायक के खिलाफ एफआईआर हो गई है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है। हालांकि आरोपी विधायक की गिरफ्तारी को लेकर बवाल मचा हुआ है।

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