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WATCH: शशि थरूर ने औपनिवेशिक ब्रिटिश साम्राज्य की उड़ाई धज्जियां, लोगों ने सराहा

यह वीडियो एबीसी टीवी के एक सवाल-जवाब और पैनल सेशन का है। वीडियो में देखा जा सकता है कि उन्हें लोगों का समर्थन भी काफी मिल रहा है और लोग तालियां बजा रहे हैं।
WATCH: शशि थरूर ने औपनिवेशिक ब्रिटिश साम्राज्य की उड़ाई धज्जियां, लोगों ने सराहा

शशि थरूर अपनी बेहतरीन अंग्रेजी की शब्दावली और औपनिवेशिक ब्रिटिश शासन पर अपने गहरे अध्ययन के लिए जाने जाते हैं।
पिछली बार शशि थरूर अपने एक ट्वीट को लेकर चर्चा में आए थे, जिसमें उन्होंने अंग्रेजी के अच्छे शब्द इस्तेमाल किए थे। कई लोगों ने इसका मजाक उड़ाया तो कई लोगों ने इस बात की तारीफ भी की। इस बार थरूर ब्रिटिश शासन पर अपने अध्ययन को लेकर चर्चा में हैं।

असल में उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह मुंहजबानी याद तथ्यों के साथ ब्रिटिश सरकार के गुलाम भारत में योगदान की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं। यह वीडियो एबीसी टीवी के एक सवाल-जवाब और पैनल सेशन का है। वीडियो में देखा जा सकता है कि उन्हें लोगों का समर्थन भी काफी मिल रहा है और लोग तालियां बजा रहे हैं।

क्या कहा थरूर ने?

दरअसल, शशि थरूर से पूछा गया कि भारत ने इंजीनियरिंग की तमाम तकनीकी ब्रिटेन से लीं। लोकतंत्र की प्रक्रिया, बुनियादी ढांचा और तेजी से लोगों की शिक्षा जैसी चीजें ब्रिटिश सरकार की ही देन हैं। इस पर आप क्या कहेंगे?

इसका जवाब देते हुए शशि थरूर ने कहा, 'ब्रिटिश लोग दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक में आए थे। 1700 में इस देश की जीडीपी दुनिया की जीडीपी की 27 फीसदी थी और 1800 में 23 फीसदी थी। 200 सालों तक शोषण और लूट के बाद उन्होंने इसे दुनिया की 3 फीसदी जीडीपी तक पहुंचा दिया।'

थरूर ने कहा, 'जब ब्रिटिश 1947 में देश छोड़कर गए तब 90 फीसदी जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे जी रही थी। आपने शिक्षा की बात की। साक्षरता दर तब 17 फीसदी थी और जीवन दर 27 फीसदी रह गई थी। ब्रिटिश इंडिया में 1900 से 1947 तक मात्र 0.001 फीसदी की दर से विकास दर बढ़ी। देश का टैक्स और संसाधन बाहर ले जाते हुए वो ये सब कर रहे थे।'

उन्होंने आगे कहा, 'शिक्षा। वो भी ब्रिटिश! आखिरी चीज जिसमें ब्रिटिश निवेश करना चाहते थे, वह शिक्षा थी। अमेरिकी इतिहासकार विल डूरैंट ने भारत यात्रा के दौरान कहा था कि 1930 तक ब्रिटिश सरकार का शिक्षा बजट न्यू यॉर्क के हाईस्कूल शिक्षा बजट का आधा था।'

थरूर ने कहा, 'सारे आईआईटी, इंजीनियरिंग की उपलब्धियां, जिसका आपने जिक्र किया, ये सब आजादी के बाद भारत सरकार की देन हैं।
भारत को जिस हाल में ब्रिटिश लोगों ने छोड़ा वहां से भारत का उभार और उसकी उपलब्धियों की तुलना नहीं हो सकती।'

यह वीडियो यहां देख सकते हैं-

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