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जाट आंदोलन की सुगबुगाहट, दिसंबर तक मांगें पूरी करने का अल्टीमेटम

एक बार फिर से जाट आंदोलन की चिंगारी सुलग रही है। रविवार को अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के...
जाट आंदोलन की सुगबुगाहट, दिसंबर तक मांगें पूरी करने का अल्टीमेटम

एक बार फिर से जाट आंदोलन की चिंगारी सुलग रही है। रविवार को अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने रविवार को हरियाणा के जसिया (रोहतक) रैली में सरकार को आंदोलन करने की चेतावनी दी। उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि आरक्षण समेत अन्य छह मांगों को लेकर हुए समझौते को यदि दिसंबर तक पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन का बिगुल बजा मार्च में दिल्ली कूच करेंगे।

संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अशोक बल्हारा ने 19 मार्च 2017 को हरियाणा भवन दिल्ली में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर, केन्द्रीय मंत्री चौ॰ बीरेन्द्र सिंह और केन्द्रीय मंत्री श्री पी.पी.चौधरी की उपस्थिति में हुऐ समझौते पर बोलते हुऐ कहा कि हरियाणा सरकार समझौते को लागू करने में देरी कर रही है जिसके कारण समाज में असन्तोष बढ़ रहा है। अगर हरियाणा व केन्द्र सरकार द्वारा समझौते को जल्द लागू नहीं किया गया तो जाट समाज को फिर से आन्दोलन की राह पर जाना पड़ेगा।

जसिया-रोहतक, में जाट सेवा संघ एवम् अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा दीनबन्धु छोटूराम प्रतियोगी परीक्षा एवं कौषल विकास संस्थान के भूमि पूजन और शिलान्यास के मौके पर देश भर के 175 से ज्यादा जिलों से आये जाट समाज के नेता, औद्योगिक घराने के प्रतिनिधि, फिल्म कलाकार, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी, न्यायधीश, पत्रकार, शिक्षाविद, डाक्टर, इंजीनियर्स, सीए  और लेखक आदि शामिल हुए।

इस दौरान अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने कई प्रस्ताव भी पास किए। जिसमें कहा गया कि हरियाणा सरकार दिसम्बर 2017 तक सभी कार्यवाही पूरी कर हरियाणा के जाटों को प्रदेश स्तर पर आरक्षण का लाभ दे।

साथ ही केन्द्र सरकार अपने वायदे के मुताबिक आने वाले शीतकालीन सत्र में राष्ट्रीय सामाजिक व शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग का संषोधन विधेयक संसद में पास कराकर जाट समाज को केन्द्र की ओ.बी.सी. श्रेणी में शामिल करे।

वहीं संगठन ने जाट आरक्षण आन्दोलन की रणनीति तय करने और 19 मार्च 2017 को हुऐ समझौते की सभी मांगों पर समीक्षा करने के लिये 3 दिसम्बर 2017 को बैठक का निर्णय लिया है।

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