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रविदास मंदिर मामला, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर सहित 96 आरोपी 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में

रविदास मंदिर को लेकर बुधवार को राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार कर सभी 96 लोगों को 14 दिनों...
रविदास मंदिर मामला, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर सहित 96 आरोपी 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में

रविदास मंदिर को लेकर बुधवार को राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार कर सभी 96 लोगों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसमें भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद भी शामिल हैं।

उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को कहा कि दलितों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने भाजपा सरकार पर इसके लिए करारा हमला भी बोला। दरअसल, तुगलकाबाद में रविदास मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ बुधवार रात दलितों का प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें पुलिसकर्मियों से सहित कई लोग जख्मी हो गए। इसके बाद पुलिस ने भीड़ तो अलग करने के लिए लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस की ओर से भीड़ तो तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले चलाने और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद सहित 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लेने के बाद प्रदर्शन स्थल पर तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था।

पुलिस का कहना है कि शांति पूर्ण प्रदर्शन कर रही भीड़ जब शाम को हिंसक हो गई, तो मजबूरन उसे कार्रवाई करनी पड़ी। उधर, गुरुवार को चंद्रशेखर को कोर्ट ले जाया गया, जहां उनके साथ बाकी सभी गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

रविदास मंदिर को इसी महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डीडीए ने ध्वस्त कर दिया था। बुधवार को ‘मंदिर वहीं बनाएंगे’ का नारा लगाते जब प्रदर्शनकारी झंडेवालान से निकले तब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन लोगों की संख्या के सामने मजबूर होकर पुलिस को बैरिकेड हटाने पड़े।

उधर, दिल्ली विधानसभा में इस मामले को लेकर काफी हंगामा हुआ और आम आदमी पार्टी के एक विधायक ने अपनी शर्ट फाड़ ली। बाद में विधानसभा ने तोड़े गए संत रविदास के मंदिर निर्माण के केंद्र सरकार द्वारा एक अध्यादेश लाने की मांग करते हुए एक संकल्प पेश किया।

एक तरफ यह मामला पूरी तरह राजनीतिक हो चुका है, जिसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी भी कूद चुकी है। लेकिन दूसरी तरफ, दलित नेता मायावती ने इस पूरे मामले से खुद को अलग रखा है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट किया, “दिल्ली के तुगलकाबाद में तोड़फोड़ की घटना अनुचित है और बसपा का इससे कुछ लेनादेना नहीं है। बसपा ने हमेशा संविधान और कानून का सम्मान किया है। पार्टी का संघर्ष हमेशा से कानून के दायरे में रहा है।”

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