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सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला, चारा घोटाले में लालू दोषी करार

चारा घोटाला मामले में सीबीआई कोर्ट ने शनिवार यानी आज अपना फैसला सुनाया। मामले में मुख्य आरोपी लालू...
सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला, चारा घोटाले में लालू दोषी करार

चारा घोटाला मामले में सीबीआई कोर्ट ने शनिवार यानी आज अपना फैसला सुनाया। मामले में मुख्य आरोपी लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया गया है। सजा पर फैसला 3 जनवरी, 2018 को आएगा।

लालू समेत 15 लोगों को कोर्ट ने दोषी माना। 7 लोगों को आरोपों से बरी कर दिया गया जिसमें बिहार के पूर्व मुख्मंयत्री जगन्नाथ मिश्रा का नाम भी शामिल है।

कोर्ट सजा पर फैसला 3 जनवरी, 2018 को सुनाएगी।

फैसले के पहले लालू यादव के बेटे तेजस्वी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें न्यायपालिका पर भरोसा है, उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा। जैसे 2जी और आदर्श स्कैम में भाजपा के झूठे प्रचार ध्वस्त किया है वैसे ही इस केस में भी होगा।

इससे पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि भाजपा सकारात्मक राजनीति करने वालों के खिलाफ है, लेकिन हम उसे नहीं छोड़ेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि हमें इंसाफ मिलेगा। उन्होंने कहा कि वह भाजपा को छोड़ेंगे नहीं लेकिन उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि वह उनके साथ न्याय करेगी।

लालू ने कहा था कि चारा घोटाले से जुड़े तमाम मामलों में जांच हुई है, लेकिन कहीं से एक रुपया भी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है। लालू ने कहा कि जब 2जी घोटाला मामले में ए राजा, कनीमोई एवं अन्य बरी हो सकते हैं तो वह क्यों नहीं।


 

 

यह मामला 950 करोड़ के चारा घोटाले में देवघर कोषागार से 89.4 लाख रुपये अवैध निकासी से जुड़ा है। फैसले के दौरान सभी 22 आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। लालू प्रसाद सहित अन्य आरोपी शुक्रवार की शाम रांची पहुंच गए हैं। लालू के साथ उनके पुत्र तेजस्वी यादव भी रांची में हैं।

देवघर कोषागार मामले में 38 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में दो चार्जशीट दाखिल की गई थी। पहली चार्जशीट 27 अक्टूबर, 1997 को हुई थी। सीबीआई के इंस्पेक्टर सह जांच पदाधिकारी नागेंद्र प्रसाद ने 34 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। वहीं, दूसरी चार्जशीट 25 अगस्त, 2004 को हुई थी। इसमें चार आरोपियों का नाम शामिल था। कुल 38 आरोपियों में से न्यायालय में ट्रायल के दौरान 11 का देहांत हो गया। वहीं सीबीआई ने तीन लोगों को सरकारी गवाह बनाया। इसके अलावा दो आरोपियों ने फैसला सुनाए जाने के पूर्व दोष स्वीकार कर लिया।

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